भारत की प्रमुख सौर ऊर्जा समाधान कंपनी वॉरी एनर्जीज का शेयर इश्यू प्राइस 1,503 रुपये के मुकाबले 127 प्रतिशत बढ़ चुका है। इस तेज उछाल के कारण कंपनी ने बाजार पूंजीकरण के मामले में भारत की टॉप 100 कंपनियों में अपनी जगह बना ली है।
मंगलवार के इंट्रा-डे ट्रेड में वॉरी एनर्जीज का बाजार पूंजीकरण 97,930 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, और अब यह 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर के करीब है। दोपहर 2:16 बजे कंपनी का मार्केट कैप 95,886 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, और शेयर 12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3,337.70 रुपये पर ट्रेड हो रहा था।
बाजार पूंजीकरण के इस स्तर पर वॉरी एनर्जीज ने टाटा समूह की हॉस्पिटैलिटी कंपनी इंडियन होटल्स को पीछे छोड़ते हुए टॉप 100 कंपनियों की लिस्ट में 100वें स्थान पर अपनी जगह बना ली है।
वॉरी एनर्जीज ने 28 अक्टूबर को शेयर बाजार में शानदार शुरुआत की, जहां इसके शेयर इश्यू प्राइस से 70 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ 2,550 रुपये पर लिस्ट हुए। हालांकि, पहले दिन के अंत में बीएसई पर शेयर 55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,336.80 रुपये पर बंद हुए।
कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, 24 अक्टूबर 2024 तक वॉरी में 35.70 प्रतिशत पब्लिक शेयरहोल्डिंग थी, जिसमें से 23.56 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय व्यक्तिगत निवेशकों के पास थी। इसके अलावा, कॉर्पोरेट संस्थाओं के पास 3.28 प्रतिशत, घरेलू संस्थागत निवेशकों के पास 3.02 प्रतिशत, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास 2.23 प्रतिशत और विदेशी कंपनियों के पास 2.17 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
वॉरी एनर्जीज भारत में सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता और निर्यातक है, जिसकी उत्पादन क्षमता 13.3 गीगावाट (Gw) है। कंपनी ने पिछले तीन वर्षों में अपनी क्षमता को 2 Gw (FY21) से बढ़ाकर 6 गुना कर लिया है। भारत के सोलर मॉड्यूल बाजार में इसकी 21 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि निर्यात में इसका योगदान 44 प्रतिशत है।
कंपनी ने अपने IPO के माध्यम से 4,321 करोड़ रुपये जुटाए, जिनमें से कुछ पैसों का उपयोग ओडिशा में 6 Gw इनगॉट, वेफर, सोलर सेल और सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माण इकाई के लिए किया जाएगा।
वॉरी एनर्जीज गुजरात के चिखली में 5.4 गीगावाट (Gw) की सोलर सेल उत्पादन फैसिलिटी लगा रही है, जो वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही तक चालू हो जाएगी। इसके साथ ही, ओडिशा में 6 Gw की एक पूर्ण रूप से एकीकृत मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी भी बन रही है, जो वित्त वर्ष 2027 तक इनगॉट, वेफर और सोलर सेल का उत्पादन करेगी। यह मॉर्डन फैसिलिटी हाई एफिसिएंसी और बड़े साइज के पीवी सिलिकॉन वेफर के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी। हाल ही में वॉरी को 1,900 करोड़ रुपये के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत कई ऑर्डर मिले हैं।
वित्त वर्ष 2024 में, वॉरी की ऑपरेटिंग इनकम भारत में सभी घरेलू सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माताओं में दूसरी सबसे अच्छी रही। कंपनी को भारत और वैश्विक स्तर पर सोलर एनर्जी की बढ़ती मांग का फायदा मिलने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2022 से 2024 के बीच कंपनी का राजस्व 4 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 11,398 करोड़ रुपये हो गया। इसी दौरान EBITDA में भी 14 गुना बढ़ोतरी हुई, जिससे मार्जिन में सुधार हुआ है (वित्त वर्ष 2024 में 13.8 प्रतिशत, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह 3.9 प्रतिशत था)।
इस दौरान, टैक्स के बाद मुनाफा भी 16 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 1,237 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। ICICI सिक्योरिटीज के अनुसार, वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय बिजली की हिस्सेदारी 2023 में 30 प्रतिशत से बढ़कर 2030 तक 46 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जिसमें सोलर एनर्जी का योगदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा।
नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में बढ़ते वैश्विक रुझान के बीच, सोलर एनर्जी प्रमुख भूमिका निभा रही है, और वॉरी एनर्जीज इस अवसर का लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में है। InCred Equities के विश्लेषकों ने अपने IPO नोट में कहा कि कंपनी की मजबूत बाजार पकड़, अच्छी वित्तीय स्थिति और लगातार नवाचार व स्थिरता पर ध्यान देने से इसे फायदा हो रहा है।
ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया, सरकार की कई योजनाएं, जैसे पीएम-कुसुम, रूफटॉप फेज-2 और आत्मनिर्भर भारत, देश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का संकेत देती हैं। इसके साथ ही सब्सिडी, पीएलआई योजना और सोलर कंपोनेंट्स पर कस्टम ड्यूटी में छूट जैसी नीतियां नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और विकास को बढ़ा रही हैं।
Motilal Oswal Financial Services ने कहा, वॉरी एनर्जीज सोलर मॉड्यूल के क्षेत्र में एक मार्केट लीडर है। बढ़ती वैश्विक मांग, सरकार का हरित ऊर्जा पर ध्यान और चीन प्लस वन नीति जैसे सकारात्मक कारणों से कंपनी की स्थिति मजबूत है,
ब्रोकरेज फर्म ने अपने IPO नोट में कहा, वित्त वर्ष 2024 में वॉरी के कुल राजस्व का 58 प्रतिशत हिस्सा निर्यात से आया, जिसमें से 57 प्रतिशत अमेरिका को निर्यात किया गया। अमेरिकी बाजार में चीनी सोलर मॉड्यूल पर टैरिफ लगाए जाने का फायदा वॉरी को मिला है। कंपनी की अमेरिकी उत्पादन इकाई चालू होने के बाद, न केवल वहां के मौजूदा और नए ग्राहकों तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि भविष्य में किसी भी नए टैरिफ से भी सुरक्षा मिलेगी।