Uncategorized

लुट गया रे चीन… ट्रंप के जीतते ही क्‍यों शी के देश से आई आवाज? जो भारत से भागे थे लगाया रिवर्स गियर

नई दिल्‍ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने शी जिनपिंग को सबसे करारा झटका दिया है। वैसे तो पूरी दुनिया की नजरें इस चुनाव पर गड़ी थीं। लेकिन, चीन की एक ऐसा था जो शिद्दत से मना रहा था कि किसी तरह ट्रंप सत्ता में नहीं लौटें। चीन अभी आर्थिक सुस्‍ती से जकड़ा हुआ है। उसने अपनी थकी अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंकने के लिए बड़ा प्रोत्‍साहन पैकेज दिया है। इसे देखकर बड़ी संख्‍या में विदेशी संस्‍थागत निवेशक (FII) लपलपाकर भारत से चीन भागे थे। लेकिन, ट्रंप के जीतते ही अब उनका रिवर्स गियर लग गया है। भारतीय बाजारों में बुधवार को आई जोरदार तेजी इसका काफी हद तक सबूत है।

भारतीय बाजारों ने क‍िया ट्रंप का वेलकम

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बीच दलाल स्‍ट्रीट में खुशी की लहर दौड़ गई। आईटी और फार्मा शेयरों में भारी लिवाली दर्ज की गई। बुधवार को स्थानीय शेयर बाजारों में एक फीसदी से ज्‍यादा की तेजी आई। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 901.50 अंक यानी 1.13 फीसदी बढ़कर 80,378.13 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सूचकांक 1,093.1 अंक या 1.37 फीसदी उछलकर 80,569.73 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 270.75 अंक यानी 1.12 फीसदी बढ़कर 24,484.05 अंक पर बंद हुआ।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बाद वैश्विक बाजारों में राहत भरी तेजी देखी गई। ट्रंप के मजबूत जनादेश के साथ राजनीतिक अनिश्चितता कम हुई है। इससे टैक्‍स कटौती और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी की संभावना है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका में आईटी खर्च बढ़ने की उम्मीद के कारण घरेलू आईटी कंपनियों के शेयरों में फायदा रहा।

क्‍यों सकते में शी का चीन?

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले कुछ समय में भारतीय शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली की है। यहां से पैसा निकालकर वो चीन लेकर गए हैं। चीन ने अपनी सुस्‍त अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंकने के लिए बड़े पैकेज का ऐलान किया है। हालांकि, अब चीन के ट्रंप कट्टर विरोधी हैं। वह ट्रैरिफ के जरिये चीन की मुसीबतें बढ़ाने वाले हैं।

ट्रंप इस बार चीन पर ज्‍यादा सख्त रुख अपनाएंगे। कारण है कि चीन के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बहुत ज्‍यादा है। अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध फिर से छिड़ता है तो भारत को इसका फायदा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई कंपनियां चीन छोड़कर भारत में निवेश कर सकती हैं।

अमेर‍िका में बढ़ा है संरक्षणवाद

बाइडेन के कार्यकाल में भी अमेरिका का संरक्षणवाद बढ़ा है। इस साल की शुरुआत में अनुचित व्यापार प्रथाओं का हवाला देते हुए अमेरिका ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 100% कर दिया। कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ 0-7.5% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया। इन बढ़ोतरी का सीधा असर भारत पर नहीं पड़ा। लेकिन, टैरिफ लागू होने से पहले चीन से अमेरिका जाने वाले जहाजों की संख्या बढ़ गई। इससे कंटेनरों की कमी हो गई। चीन के खिलाफ ट्रंप का रुख इससे भी ज्‍यादा कड़ा रहने वाला है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top