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Swiggy IPO: ₹11327 करोड़ के आईपीओ में निवेश करें या नहीं? स्विगी और जोमैटो में कौन है बेहतर? एक्सपर्ट्स की राय

Swiggy IPO: ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विगी लिमिटेड का आईपीओ कल यानी 6 नवंबर को खुलने वाला है। निवेशकों के पास इसमें 8 नवंबर तक निवेश का मौका रहेगा। कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 11327 करोड़ रुपये जुटाने का है। इश्यू के लिए प्रति शेयर 371-390 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है। ग्रे मार्केट की बात करें तो इस आईपीओ को कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है और यह खुलने से एक दिन पहले 3.08 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। हालांकि, ग्रे मार्केट की स्थिति लगातार बदलती रहती है।

ऐसे में अब सवाल यह है कि इस आईपीओ में आपको निवेश करना चाहिए या नहीं। आइए जानते हैं, एक्सपर्ट्स की राय। यहां हमने यह भी बताया है कि स्विगी और जोमैटो में कौन सा शेयर बेहतर है।

क्या आपको Swiggy IPO में करना चाहिए निवेश?

एनालिस्ट्स ने स्विगी के आईपीओ पर मिक्स्ड रेटिंग दी है। कुछ ब्रोकरेज ने निवेशकों को उचित वैल्यूएशन का हवाला देते हुए सब्सक्रिप्शन लेने की सलाह दी है। वहीं, कई ब्रोकरेज ने नेगेटिव कैश फ्लो, लॉस और ग्रोथ स्ट्रेटेजी में चुनौतियों के कारण इसे अवॉइड करने के लिए कहा है।

एसबीआई सिक्योरिटीज और बजाज ब्रोकिंग ने इस आईपीओ को लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है। एसबीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि जोमैटो की तुलना में इस आईपीओ का वैल्यूएशन उचित है। अरिहंत कैपिटल का कहना है कि इस आईपीओ को अग्रेसिव इनवेस्टर्स को ही सब्सक्राइब करना चाहिए। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी में कई चुनौतियों का सामना कर रही है। ब्रोकरेज फर्म केआर चोकसी ने भी स्विगी के आईपीओ को सब्सक्राइब रेटिंग दी है।

दूसरी तरफ, आदित्य बिड़ला मनी और SAMCO सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स ने इस आईपीओ से बचने की सलाह दी है। आदित्य बिड़ला मनी ने कहा कि स्विगी द्वारा अपने वैल्यूएशन को कम करने के निर्णय से निवेशकों के लिए कुछ अपसाइड गुंजाइश बनी हुई है, फिर भी हम इस इश्यू को AVOID करने की सलाह देते हैं।

SAMCO सिक्योरिटीज का कहना है कि वित्त वर्ष 24 तक स्विगी घाटे में चल रही है, जबकि इसके कंपटीटर जोमैटो ने हाल ही में प्रॉफिट कमाया है। स्विगी की मौजूदा वित्तीय स्थिति, कंपटीटिव प्रेशर, संबंधित जोखिम और वैल्यूएशन को देखते हुए, इसका आईपीओ ओवरवैल्यूड लगता है। इसलिए, ब्रोकरेज ने निवेशकों को सलाह दी है कि जब तक कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन और ग्रोथ आउटलुक बेहतर नहीं हो जाता, तब तक वे इस आईपीओ से बचें।

स्विगी और जोमैटो में कौन सा शेयर बेहतर?

स्टॉक्सबॉक्स की रिसर्च एनालिस्ट आकृति मेहरोत्रा के मुताबिक, साइज, प्रॉफिट और बेहतर ग्रोथ इंडिकेटर्स के मामले में जोमैटो की स्थिति बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘ जोमैटो की मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी है और उसकी ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू सीएजीआर 23 पर्सेंट है, जबकि स्विगी का यह आंकड़ा 15.5 पर्सेंट है। हालांकि, स्विगी में विस्तार के लिए गुंजाइश है, लेकिन यह साफ नहीं है कि जोमैटो की बराबरी करने के लिए वह अपने संसाधनों का किस तरह इस्तेमाल करेगी।’

मेहरोत्रा का मानना है कि मीडियम टर्म में जोमैटो निवेश के लिए ज्यादा आकर्षक विकल्प है। हालांकि, स्विगी सफलतापूर्वक IPO की अपनी प्रक्रिया पूरी करती है और सही ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर चलती है, तो वह जोमैटो के लिए चुनौती पैदा कर सकती है। एक और एक्सपर्ट अंशुल जैन के मुताबिक, प्रॉफिट के मामले में जोमैटो की स्थिति ज्यादा बेहतर है। उन्होंने निवेशकों को स्विगी के IPO के बजाय जोमैटो के शेयरों को चुनने की सलाह दी।

कैसा है स्विगी का फाइनेंशियल

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसका घाटा 4,179.3 करोड़ रुपये से गिरकर 2,350.2 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 36 फीसदी बढ़कर 11,247.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष की बात करें तो जून तिमाही में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 564 करोड़ रुपये से बढ़कर 611 करोड़ रुपये पर पहुंच गया लेकिन रेवेन्यू 35 फीसदी बढ़कर 3,222.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। stock market news की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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