Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेशकों करने वालों के लिए अच्छी खबर है. अब म्यूचुअल फंड कंपनियां विदेशी फंड्स में निवेश कर सकेंगी. निवेशकों को विदेशी फंड्स से कमाई का मौका मिलेगा. दरअसल, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड कंपनियों (MF) को उन विदेशी म्यूचुअल फंड या यूनिट ट्रस्ट (Unit Trusts) में निवेश की मंजूरी दे दी जो अपनी संपत्ति का एक निश्चित हिस्सा भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. यह छूट इस शर्त पर दी गई है कि ऐसे विदेशी फंड्स का भारतीय प्रतिभूतियों में कुल निवेश उनकी नेट एसेट के 25% से अधिक न हो.
तत्काल प्रभाव से नया नियम लागू
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि इस कदम का उद्देश्य विदेशी MF/Unit Trust में निवेश को आसान बनाना, निवेश के तरीके में पारदर्शिता लाना और एमएफ को अपने विदेशी निवेश में विविधता लाने में सक्षम बनाना है. सेबी ने कहा कि नया स्ट्रक्चर तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा.
सर्कुलर के मुताबिक, MF योजनाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेशी एमएफ/ यूनिट ट्रस्ट में सभी निवेशकों के अंशदान को किसी सहयोगी इकाई के बगैर एकल निवेश साधन में ही शामिल कर दिया जाए. विदेशी एमएफ/ यूनिट ट्रस्ट का कोष इस तरह का होना चाहिए जिसमें कोई अलग-अलग पोर्टफोलियो न हों ताकि यह सुनिश्चित हो कि सभी निवेशकों के पास फंड में समान और आनुपातिक अधिकार हों. बाजार नियामक ने हितों के टकराव को रोकने के लिए भारतीय म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) और अंतर्निहित विदेशी म्यूचुअल फंड के बीच सलाहकार समझौतों पर रोक लगा दी है.
सेबी ने अपने परिपत्र में कहा, भारतीय म्यूचुअल फंड योजनाएं उन विदेशी एमएफ/ यूनिट ट्रस्ट में भी निवेश कर सकती हैं जिनका भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश है. इसके लिए शर्त बस यह है कि इन विदेशी एमएफ/यूनिट ट्रस्ट का भारतीय प्रतिभूतियों में कुल निवेश उनकी परिसंपत्तियों के 25 प्रतिशत से अधिक न हो.