Stock market : भारतीय इक्विटी इंडेक्सों ने पिछले सत्र की गिरावट की भरपाई कर ली और 5 नवंबर को निफ्टी 24,200 के आसपास मजबूत नोट पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 694.39 अंक या 0.88 फीसदी बढ़कर 79,476.63 पर और निफ्टी 197.20 अंक या 0.82 फीसदी बढ़कर 24,192.50 पर बंद हुआ। आज लगभग 2337 शेयरों में तेजी आई, 1448 शेयरों में गिरावट आई और 102 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। FMCG और मीडिया को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टर इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। आज बैंक,मेटल,ऑटो और तेल-गैस शेयरों में 1-2 फीसदी की तेजी आई। BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.4 फीसदी की तेजी आई है।
निफ्टी पर सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयरों में JSW स्टील,टाटा स्टील, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक शामिल हैं। जबकि नुकसान में रहने वाले शेयरों में कोल इंडिया, ट्रेंट, अडानी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स और ITC शामिल रहे।
6 नवंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि आज के कारोबारी सत्र में वोलैटिलिटी का बोलबाला रहा। ट्रेडिंग सेशन के पहले हिस्से में मंदी हावी रही और इंडेक्स नीचे की ओर फिसला। हालांकि, बाद में बैंकिंग काउंटरों ने तेज उछाल दिखाया और इंडेक्स पिछले सत्र के निचले स्तर से ऊपर की ओर चला गया। इसके चलते डबल बॉटम पैटर्न बना। मेटल स्टॉक भी जल्दी ही पार्टी में शामिल हो गए। इससे इंडेक्स को और ताकत मिली। कारोबारी सत्र के अंत में निफ्टी 217.95 अंकों की बढ़त के साथ 24,213.30 पर पहुंच गया। मिड और स्मॉलकैप में भी तेजी रही लेकिन इन्होंने फ्रंटलाइन इंडेक्स से कमतर प्रदर्शन किया। डेली चार्ट पर, निफ्टी 50 ने आरएसआई और 150 डीएमए के सपोर्ट में सकारात्मक विचलन के साथ पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया है। जैसा कि कल भी संकेत दिया गया था कि अब 23,800 के स्तर पर तत्काल सपोर्ट होगा और ऊपर की तरफ 24,370 पर रजिस्टेंस होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और बाजार
सभी की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर हैं और चुनाव नतीजों को लेकर अनिश्चितता के कारण वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अनिश्चितता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 4 नवंबर को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के दौरान भारतीय बेंचमार्क सेंसेक्स में 1,500 अंकों तक की गिरावट आई।
हालांकि अमेरिकी चुनाव परिणाम अनिश्चित हैं,लेकिन तमोहरा के मुख्य निवेश अधिकारी और इक्विटी हेड शीतल मालपानी का कहना है कि अमेरिका में ट्रम्प की जीत की उम्मीद में डॉलर के मजबूत होने के कारण कुछ पूंजी वापस अमेरिका की ओर जा रही है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये निकाले है। फॉरेन फंडों की निकासी के मामले में अक्तूबर अब तक का सबसे खराब महीना रहा है। नवंबर में भी यह सिलसिला जारी है। सोमवार को एफआईआई ने 4,329.79 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का रुख उभरते बाजारों के लिए एक बड़ी चुनौती है। जबकि, चीन ट्रंप का पहला टारगेट रहा सकता है। लेकिन भारत भी इसके असर से अछूता नहीं रहेगा।। आयात शुल्क और कॉर्पोरेट कर कटौती के प्रति उनके सख्त रुख से शॉर्ट टर्म में अमेरिकी बाजारों को फायदा हो सकता है, लेकिन इससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ सकता है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे का कहना है कि निफ्टी को लगातार दूसरे दिन ऐतिहासिक स्विंग लो के आसपास सपोर्ट मिला है। तकनीकी नजरिए से देखें तो डेली चार्ट पर पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न बना है। ये तेजी की वापसी का संकेत है। इसके अलावा डेली आरएसआई पर पॉजिटिव डाइवर्जेंस तेजी के संकेत दे रहा है। अब जब तक निफ्टी 24,000 से ऊपर टिका रहेगा तब तक गिरावट पर खरीद की रणनीति ट्रेडरों को फायदा पहुंचा सकती है। ऊपर की तरफ निफ्टी 24,750-24,800 रेंज की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, निफ्टी के 24000 से नीचे फिसलने पर गिरावट बढ़ सकती है।
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