नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो पर बड़ा अपडेट है। यह अगले साल अपना आईपीओ ला सकती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू हो सकता है। कंपनी चाहती है कि पहले जियो का आईपीओ आए और उसके बाद रिटेल बिजनेस का। विश्लेषकों का मानना है कि जियो का बाजार मूल्य 100 अरब डॉलर से ज्यादा है।रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने अभी तक आईपीओ की कोई आधिकारिक तारीख नहीं बताई है। हालांकि, 2019 में कंपनी ने कहा था कि टेलीकॉम और रिटेल दोनों बिजनेस अगले 5 सालों में लिस्ट हो जाएंगे।
रिलायंस जियो पर क्या आई है खबर?
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो के आईपीओ की योजना बना ली है। कंपनी को लगता है कि जियो अब स्थिर हो गई है। 47.9 करोड़ सब्सक्राइबर के साथ जियो भारत की नंबर 1 टेलीकॉम कंपनी है।
रिटेल बिजनेस के आईपीओ के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक, रिटेल बिजनेस 2025 से पहले लिस्ट नहीं होगा। कंपनी पहले अपने आंतरिक बिजनेस और संचालन संबंधी चुनौतियों का समाधान करना चाहती है।
पिछले कुछ सालों में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने डिजिटल, टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस के लिए 25 अरब डॉलर जुटाए हैं। इन्वेस्टर्स में केकेआर, जनरल अटलांटिक और अबूधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन इन्वेस्टमेंट्स के बाद जियो और रिटेल दोनों बिजनेस का बाजार मूल्य 100 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है।
कैसा रहा है कंपनी का प्रदर्शन?
दूसरी तिमाही में जियो प्लेटफॉर्म्स का एकीकृत शुद्ध लाभ 23.4% बढ़कर 6,539 करोड़ रुपये हो गया। औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) बढ़कर 195.1 रुपये प्रति माह पर पहुंच गया। टैरिफ में बढ़ोतरी और बेहतर ग्राहक मिश्रण के चलते ऐसा हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज के टेलीकॉम और डिजिटल व्यवसायों वाली कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स का परिचालन से राजस्व तिमाही में 18% बढ़कर 31,709 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने कहा था कि टैरिफ बढ़ोतरी का पूरा असर अगली 2-3 तिमाहियों में दिखाई देगा।