भारतीय शेयर बाजार अभी भी नए फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) को आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि, मौजूदा ऑफशोर फंड्स शेयर बाजार में अपनी पोजिशन कम कर रहे हैं। मनीकंट्रोल के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर के दौरान फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स ने भारतीय शेयर बाजार से 91,819 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की, जबकि इस दौरान भारतीय बाजार में 67 नए फॉरेन फंडों ने एंट्री की।
अक्टूबर के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 6 पर्सेंट से भी ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। भारत के पास फिलहाल 11,666 रजिस्टर्ड फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) हैं, जबकि 31 दिसंबर 2023 और 31 दिसंबर 2022 में यह आंकड़ा क्रमशः 11,143 और 10,975 था। जानकारों का कहना है कि नए FPI रजिस्ट्रेशंस भी पॉजिटिव दिशा में हैं। इसके अलावा, 40 और 50 फंड्स भारत में लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया में है।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय शेयर बाजार में IPOs की रफ्तार, मीडियम से लॉन्ग टर्म में बाजार में मजबूती की संभावना और डेरिवेटिव सेगमेंट में पैसे बनाने के बेहतर अवसर उपलब्ध रहने से नए फॉरेन फंड भारत की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। नए FPI रजिस्ट्रेशन के मामले में 2024 एक बेहतरीन साल रहा है। इस साल अब तक 523 नए विदेशी फंड भारत में अपना काम शुरू चुके हैं, जबकि 2023 के पूरे साल के दौरान यह आंकड़ा 168 था।
अगर नए रजिस्ट्रेशन की बात की जाए, तो साल 2022 भारतीय बाजार के लिए सबसे बेहतरीन साल रहा और इस दौरान कुल 604 नए FPI रजिस्ट्रेशन हुए। मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि भारत में जो नए फंड आ रहे हैं, उनका बड़ा हिस्सा ग्लोबल अमीरों के प्राइवेट फंडों के जरिये आ रहा है, जो कैश और डेरिवेटिव मार्केट, दोनों जगहों पर निवेश करते हैं।