बाजार में आई गिरावट और आगे के आउटलुक पर सीएनबीसी-आवाज से बात करते हुए JM Financial Services के डायरेक्टर और Head of Research राहुल शर्मा ने कहा कि पिछली एक्सपायरी के बाद ये कहना मुश्किल था कि निफ्टी इतनी आसानी से 24000 के स्तर को नीचे की तरफ तोड़ देगा। लेकिन ये हफ्ता काफी एक्शन भरा लग रहा है। मल्टीप्ल इवेंट्स है जो बाजार को आगे डायरेक्शन दे सकते है। हालांकि ब्रॉडर मार्केट इंडेक्स में अच्छी रिकवरी देखने को मिली। स्मॉलकैप इंडेक्स जहां 5 फीसदी ऊपर था वहीं निफ्टी आधा फीसदी ऊपर की तरफ क्लोज हुआ था।
राहुल शर्मा ने आगे कहा कि निफ्टी के पूरे सेटअप को देखकर यहीं कहा जा सकता है इस हफ्ते में बाजार में मल्टीपल इवेंट्स को निवेशक ऑप्शन के जरिए नेविगेट कर सकते हैं। 3-6 महीने का नजरिया रख निफ्टी में 23800-24000 के रेंज में निफ्टी में खरीदारी की रणनीति बनाई जा सकती है। निफ्टी में 24800 का लेवल इंडेक्स में दिख सकता है। बाजार में थोड़ी वौलेटिलिटी जरुर है। लेकिन 1-2 दिन में बाजार स्टेबल हो सकता है।
वहीं बैंक निफ्टी ने हेड एंड शोल्डर्स का पैटर्न बनाया है। बैंक निफ्टी में 50500 के नीचे ब्रेकआउट देखने को मिल सकता है। बैंक निफ्टी में Sell On Rise की रणनीति रखनी चाहिए। ऊपरी स्तर पर 55400 का मजबूत रजिस्टेंस बन चुका है। राहुल शर्मा ने आगे कहा कि बैंक निफ्टी का एक्सपायरी टू एक्सपायरी बैंक निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट 22 फीसदी ऊपर था। जिसके चलते ये शॉर्ट्स इस वीक में कहीं ना कहीं प्ले आउट होते दिख सकते हैं। बैंक निफ्टी में अगर 55500 का स्तर टूटता है तो 1000 प्वाइंट्स की और बिकवाली आ सकती है।
इन शेयरों पर रखें नजर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शेयर में आज बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। स्टॉक में आगे और दबाव दिख सकता है। वहीं एचडीएफसी बैंक में भी ज्यादा गिरावट की आशंका नजर नहीं आ रही है। बाजार जैसे ही स्थिर होता है वैसे ही ये शेयर फिर तेजी दिखाएगे।
OMCs सेगमेंट में आईओसी के शेयर सबसे ज्यादा कमजोर रहे है। इस स्टॉक में आज एक फ्रेश ब्रेकडाउन देखने को मिल रहा है। इस सेक्टर में BPCL का सेटअप काफी मजबूत था हालांकि ये भी अपने 200 मूविंग एवरेज के आसपास कारोबार कर रहा है। जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते ऑयल एंड गैस कंपनियों के शेयरों में ट्रेड करना फिलहाल थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन चार्ट स्ट्रक्चर के लिहाज से देखें तो आने वाले 1-2 हफ्ते में OMCs शेयरों में गिरावट का दबाव बढ़ सकता है।