Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम अकाउंट (POMIS) एक ऐसा स्कीम है जिसमें निवेश करने के बाद हर महीने एक तय रकम मिलती है। आकर्षक ब्याज दर के साथ यह सरकारी योजना सुरक्षित निवेश विकल्प है और नियमित आय का अच्छा स्रोत बन सकती है। पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम अकाउंट पर ब्याज दर 7.4% सालाना है। इस स्कीम में सिंगल अकाउंट के जरिए अधिकतम 9 लाख रुपये और जॉइंट अकाउंट के जरिए अधिकतम 15 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। इस योजना की सबसे खास बात है कि यह सरकारी योजना होने के कारण पूरी तरह सुरक्षित है। सिंगल अकाउंट के साथ-साथ इसमें पति-पत्नी के साथ जॉइंट अकाउंट खोलने की सुविधा भी है।
कौन-कौन अकाउंट खोल सकता है?
वयस्क के नाम पर सिंगल अकाउंट
जॉइंट अकाउंट (3 वयस्क तक)
नाबालिग के संरक्षक उसके नाम से अकाउंट खोल सकते हैं
अगर नाबालिग 10 साल का हो चुका है तो उसके नाम से भी अकाउंट खोला जा सकता है
अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम 1000 रुपये की आवश्यकता होती है।
सिंगल अकाउंट में अधिकतम 9 लाख रुपये और जॉइंट अकाउंट में अधिकतम 15 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
जॉइंट अकाउंट में प्रत्येक खाताधारक का निवेश में बराबर हिस्सा होता है।
कैसे जोड़ा जाता है ब्याज?
यह योजना सालाना 7.4% ब्याज दे रही है, जो हर महीने खाते में जमा होता है। यदि ग्राहक यह राशि नहीं निकालते तो यह उनके पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में बनी रहती है और उस पर भी ब्याज मिलता है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 5 साल है, जिसे बाद में नई ब्याज दर पर बढ़ाया जा सकता है।
कितना पैसा मिलेगा हर महीने?
ज्वाइंट अकाउंट से
ब्याज दर: 7.4% प्रति साल
जॉइंट अकाउंट से अधिकतम निवेश: 15 लाख रुपये
वार्षिक ब्याज: 1,11,000 रुपये
मंथली ब्याज: 9250 रुपये
सिंगल अकाउंट से:
अधिकतम निवेश: 9 लाख रुपये
वार्षिक ब्याज: 66,600 रुपये
मासिक ब्याज: 5550 रुपये
योजना के फायदे
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम की परिपक्वता अवधि 5 साल है, लेकिन इसके बाद इसे नई ब्याज दर के साथ बढ़ाया जा सकता है। बैंक एफडी की तुलना में यह योजना बेहतर रिटर्न प्रदान कर रही है। अगर 5 साल बाद निवेशक इसे जारी नहीं रखना चाहते, तो जमा राशि पूरी वापस मिल जाएगी।
समय से पहले खाता बंद करने पर नियम
एक साल पूरा होने से पहले जमा राशि नहीं निकाली जा सकती।
अगर खाता 1 साल बाद और 3 साल से पहले बंद होता है, तो 2% राशि काटकर शेष राशि दी जाएगी।
अगर खाता 3 साल बाद और 5 साल से पहले बंद होता है, तो 1% राशि काटकर शेष राशि का पेमेंट किया जाएगा।