केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट पर जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) डिस्बर्समेंट प्रोसेस को लेकर क्लैरिफिकेशन जारी किया है। डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) ने रिटायरमेंट के बाद डिलेड GPF डिस्बर्समेंट पर ब्याज भुगतान के बारे में लगातार इंक्वायरी के चलते 25 अक्टूबर, 2024 को नए निर्देश जारी किए। ये निर्देश रिटायरमेंट लिस्ट तैयार करने से लेकर पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) जारी करने तक हर स्टेज पर टाइमली हैंडलिंग की जरूरत पर जोर देते हैं।
नोटिस में रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के लिए डिलेड GPF फाइनल पेमेंट्स पर ब्याज के भुगतान की डिटेल्स भी दी गई हैं। इसमें संबंधित अधिकारियों के कर्तव्यों और डिस्बर्समेंट में देरी के नतीजों का भी जिक्र है। रिटायर्ड कर्मचारियों को GPF डिस्बर्समेंट पर केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण के अहम पॉइंट्स इस तरह हैं…
1. समय पर भुगतान: जनरल प्रोवडेंट फंड (सेंट्रल सर्विस) रूल्स, 1960 के नियम 34 में अनिवार्य किया गया है कि अकाउंट्स ऑफिसर यह सुनिश्चित करें कि सब्सक्राइबर के रिटायरमेंट पर GPF राशि का भुगतान तुरंत हो।
2. अनकंडीशनल डिस्बर्समेंट: GPF बैलेंस रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की संपत्ति है और इसका डिस्बर्समेंट किसी भी पेंडिंग अनुशासनात्मक कार्यवाही से अप्रभावित रहता है।
3. डिलेड पेमेंट्स पर ब्याज: नियम 11(4) में कहा गया है कि अगर रिटायरमेंट के वक्त GPF बैलेंस का भुगतान नहीं किया जाता है, तो रिटायरमेंट डेट से आगे की अवधि के लिए ब्याज लागू किया जाना चाहिए।
4. इंट्रेस्ट पेमेंट अप्रूवल प्रोसेस: पे एंड अकाउंट्स ऑफिस (PAO) रिटायरमेंट के बाद 6 महीने तक की देरी के लिए ब्याज अप्रूव कर सकता है। छह महीने से अधिक की देरी के मामले में ब्याज भुगतान के लिए अकाउंट्स ऑफिस के हेड से अप्रूवल की जरूरत है। एक वर्ष से अधिक की देरी के मामले में ब्याज भुगतान के लिए कंट्रोलर ऑफ अकाउंट्स/फाइनेंशियल एडवायजर से ऑथराइजेशन की जरूरत है।
5. देरी का विस्तार: ब्याज भुगतान से जुड़े मामलों को संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग के सचिव को भेजा जाएगा ताकि GPF भुगतान में देरी के कारण अतिरिक्त वित्तीय बोझ को रोका जा सके।
सचिव देरी को रोकने, गैरजरूरी ब्याज भुगतान से बचने और समय पर डिस्बर्समेंट सुनिश्चित करने के लिए GPF पेमेंट प्रोसेस के प्रत्येक चरण में जिम्मेदारी सौंपेंगे।