संवत 2080 के खत्म होने के साथ ही सोने और चांदी की कीमतें नए हाई पर पहुंच गई हैं। इसकी वजह केंद्रीय बैंक की ओर से मांग, वैश्विक आर्थिक बदलाव और सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की अच्छी डिमांड रही। आर्थिक अनिश्चितता के बीच पोर्टफोलियो में विविधता लाने की चाहत रखने वाले निवेशकों ने इन मेटल्स की कीमतों में तेजी को और बढ़ावा दिया है। सिटी के मैक्स लेटन, निर्मल बंग सिक्योरिटीज के कुणाल शाह और मेटलफोकस के चिराग शेठ इन कमोडिटीज में आगे भी मजबूती बने रहने की उम्मीद कर रहे हैं। इन एक्सपर्ट्स ने आपूर्ति घाटे और सेक्टर्स में इन मेटल्स की बढ़ती मांग के कारण हाई प्राइस टारगेट्स का अनुमान लगाया है।
cnbctv18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिटी में कमोडिटीज के ग्लोबल हेड मैक्स लेटन का कहना है कि बढ़ती दरों और मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बीच सोने ने बहुत स्थिर, सकारात्मक गति दिखाई है। सिटी ने साल की शुरुआत से ही सोने के लिए अपना टारगेट 3,000 डॉलर प्रति औंस बनाए रखा है। लेटन का मानना है कि अगले छह महीनों में इस टारगेट को हासिल किया जा सकता है।
लेटन ने इस साल सोने में आई 35% की तेजी का श्रेय मजबूत निवेश मांग को दिया है। यह मांग खास तौर पर एशिया, उत्तरी अमेरिका और यूरोप के केंद्रीय बैंकों और ETF बायर्स की ओर से रही। तीसरी तिमाही में उत्तरी अमेरिका से ETF की मांग सबसे ज्यादा रही।
चांदी को लेकर क्या अनुमान
चांदी पर चर्चा करते हुए लेटन ने बाजार में निरंतर कमी की ओर इशारा किया। यह औद्योगिक और निवेश मांग के चलते है, जिसने इनवेंट्री के स्तर को ऐतिहासिक रूप से तंग रखा है। उन्होंने बताया, “पिछले 5 सालों से हमने चांदी की वैश्विक खपत में 15-20% का वार्षिक घाटा देखा है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस असंतुलन ने सिल्वर बार और सिक्कों के भंडार में कारोबार को बढ़ावा दिया है।
लेटन ने चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। उम्मीद है कि 6-12 महीनों के अंदर चांदी 40 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि चांदी के बाजार में बुनियादी तंगी और अमेरिकी श्रम बाजार में अनुमानित मंदी, सेफ-हैवन एसेट के रूप में इस मेटल की मांग को और बढ़ाने के लिए तैयार है।
चांदी में अगले 12 से 18 महीने तेजी रहने की उम्मीद
मेटलफोकस के चिराग शेठ ने चांदी के लिए इस आशावाद को दोहराया, साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए चांदी की बढ़ती मांग पर जोर दिया। शेठ ने कहा, “हमें उम्मीद है कि सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स जैसे क्षेत्रों से मजबूत मांग के कारण चांदी की कीमतें 40 डॉलर से ऊपर जाएंगी।” शेठ को अगले 12 से 18 महीनों में चांदी में लगातार तेजी रहने की उम्मीद है। सोने के मामले में, शेठ ने 3,000 डॉलर के टारगेट के साथ तालमेल बिठाया और कहा कि कंसोलिडेशन का दौर आ सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म आउटलुक मजबूत बना हुआ है।
सोने से 2 वर्षों में मिल सकता है 10-15% का वार्षिक रिटर्न
निर्मल बंग सिक्योरिटीज के कुणाल शाह ने भी इसी तरह का बुलिश रुख दर्शाया। उन्होंने सोने के लिए 3,200 डॉलर प्रति औंस का लक्ष्य निर्धारित किया। शाह ने जोर देकर कहा कि सोने की तेजी में बहुत दम है। पिछले दो दशकों में इस मेटल की रिजीलिएंस इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है। शाह का मानना है कि सेाने में लागातर तेजी भू-राजनीतिक और आर्थिक कारकों के अलाइनमेंट के चलते है, जिसमें फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में संभावित कटौती या भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि शामिल है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हालांकि मामूली करेक्शन हो सकता है, लेकिन निवेश के रूप में सोने की अंडरलाइंग स्ट्रेंथ बरकरार है। अगले दो वर्षों में 10-15% का वार्षिक रिटर्न मिलने का अनुमान है।