अक्टूबर में स्टॉक मार्केट में आई गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है। करीब एक महीने में मार्केट के प्रमुख सूचकांक 7 फीसदी लुढ़क गए हैं। दिग्गज इनवेस्टर विजय केडिया की मानें तो इस करेक्शन से परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा है कि यह अगले बुलरन की शुरुआत से पहले का करेक्शन है। उन्होंने इंडियन मार्केट्स का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद जताई है। इसका मतलब है कि अक्टूबर में आई गिरावट कुछ समय के लिए है। इस गिरावट के खत्म होने पर बाजार में फिर से तेजी आएगी।
संवत 2081 में भी मार्केट का रिटर्न अच्छा रहेगा
केडिया (Vijay Kedia) ने एनडीटीवी प्रॉफिट को दिए इंटरव्यू में कहा कि नेक्स्ट बुलरन की शुरुआत से पहले मार्केट में करेक्शन जरूरी था। संवत 2080 में मार्केट का रिटर्न करीब 24-25 फीसदी रहा है। अगर अक्टूबर में मार्केट में करेक्शन नहीं आया होता तो रिटर्न ज्यादा रहता। संवत 2081 में मार्केट के संभावित रिटर्न के बारे में केडिया ने कहा कि यह 20 फीसदी तक रह सकता है। लेकिन, इससे पहले मार्केट में कंसॉलिडेशन देखने को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ स्टॉक्स में तो 20-30 फीसदी तक की गिरावट आई है।
बेयर मार्केट में निवेश पर बनता है पैसा
उन्होंने ऑटो सेक्टर को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि निवेश का मौका बेयर मार्केट में होता है। पैसा तभी बनता है, जब हम बेयर मार्केट में इनवेस्ट करते हैं। इसका मतलब है कि गिरावट के इस मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए कर सकते हैं। कई दूसरे एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि इंडियन मार्केट्स का बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा। इसकी कई वजहें हैं। आज इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे ज्यादा है। सरकार ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा पूंजीगत खर्च कर रही है। सरकार का फोकस रिफॉर्म्स पर भी है।
अक्टूबर में इन वजहों से आई गिरावट
अक्टूबर में गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली बताई जा रही है। उन्होंने पिछले महीने इंडियन मार्केट में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है। इससे पहले उन्होंने कभी इंडियन मार्केट में एक महीने में इतनी बिकवाली नहीं की थी। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों खासकर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस दौरान काफी निवेश किया है, जिससे बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली को चीन के स्टॉक मार्केट में आई तेजी से जोड़ कर देखा जा रहा है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन के मार्केट में तेजी जारी रहने को लेकर संदेह है।