Stock market : भारतीय बेंचमार्क सूचकांक 31 अक्टूबर को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी आज 24200 के आसपास रहा। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 553.12 अंक या 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ 79,389.06 पर और निफ्टी 135.50 अंक या 0.56 फीसदी की गिरावट के साथ 24,205.30 पर बंद हुआ। लगभग 2559 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, 1188 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई और 108 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट टेक महिंद्रा,एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो में रही। जबकि सबसे ज्यादा बढ़त सिप्ला, एलएंडटी, डॉ. रेड्डीज लैब्स,हीरो मोटोकॉर्प और ओएनजीसी में रही। सेक्टरों में आईटी इंडेक्स में करीब 3 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स में करीब 1 फीसदी और बैंक इंडेक्स में 0.5 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि, फार्मा और मीडिया इंडेक्स में 1.5 फीसदी की तेजी आई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.3 फीसदी की गिरावट आई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.6 फीसदी की तेजी देखने को मिली।
1 नवंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे का कहना है कि निफ्टी आज गिरावट के साथ बंद हुआ। बाजार में आज काफी उठापटक देखने को मिली। ऑवरली चार्ट पर निफ्टी को 50 ईएमए के आसपास रजिस्टेंस का सामना करना पड़ा, जिससे 24,200 की ओर वापसी होती दिखी। जब तक निफ्टी 24,500 से नीचे रहता है, तब तक सेंटीमेंट कमजोर बना रहेगा। इस लेवल की ओर आने वाली किसी भी बढ़त को बिक्री के दबाव का सामना करना पड़ सकता है। नीचे की ओर निफ्टी के लिए 24,000 पर सपोर्ट है। जबकि 24,500 और 24,750 पर रजिस्टेंस दिख रहे हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि मंथली एक्सपायरी वाले दिन बाजार दबाव में रहा। आज लगभग 0.50 फीसदी की गिरावट आई। अधिकांश सेक्टरों में गिरावट रही। आईटी और एफएमसीजी सबसे अधिक गिरावट में रहे। ब्रॉडर इंडेक्सों में मिलाजुला रुझान रहा क्योंकि मिडकैप में गिरावट आई जबकि स्मॉलकैप में एक फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई।
हालांकि आईटी ने पहले मजबूती दिखाई थी जिससे रिकवरी की उम्मीद बनी थी। लेकिन आज बड़े आईटी शेयरों में गिरावट ने मजबूत रिकवरी की संभावना को कमजोर कर दिया है। मौजूदा संकेत 24,000 के स्तर के करीब स्थित पिछले स्विंग लो की तरफ संभावित वापसी की ओर इशारा कर रहे हैं। बेंचमार्क सूचकांकों में दबाव के बावजूद, कुछ सेक्टरों में सेल और बॉय दोनों तरफ के मौके हैं। ट्रेडरों को जोखिम प्रबंधन पर जोर देते हुए इसके मुताबित अपनी रणनीति तय करनी चाहिए।