Core sector growth: भारत के 8 कोर सेक्टर की वृद्धि दर सितंबर में बढ़कर 2 फीसदी हो गई, जबकि पिछले महीने इसमें 42 महीने के निचले स्तर 1.6 फीसदी की गिरावट आई थी। हालांकि, एक साल पहले समान महीने में आठ कोर इंडस्ट्रीज का प्रोडक्शन 9.5 फीसदी बढ़ा था। 30 अक्टूबर को को सरकार द्वारा आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में कोर सेक्टर की वृद्धि दर सालाना आधार पर भले ही कम हो गई, लेकिन अगस्त की तुलना में सितंबर में इसका प्रदर्शन सुधरा है। अगस्त 2024 में कोर सेक्टर के उत्पादन में सालाना आधार पर 1.6 फीसदी की गिरावट आई थी।
कैसा रहा कोर सेक्टर्स का प्रदर्शन
आठ प्रमुख सेक्टर में कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और बिजली क्षेत्र ने सितंबर के महीने में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की। सितंबर में कोल आउटपुट ग्रोथ 2.5 फीसदी रहा। इसी तरह, कच्चे तेल क्षेत्र में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 3.9 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, “सीमेंट, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, कोयला, उर्वरक और इस्पात के उत्पादन में सितंबर 2024 में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की गई।”
इंडेक्स में 2.63 प्रतिशत वेटेज रखने वाले फर्टिलाइजर प्रोडक्शन में सितंबर 2024 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.9 फीसदी की वृद्धि हुई। अप्रैल से सितंबर 2024-25 के दौरान इसका कुल इंडेक्स पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.7 प्रतिशत बढ़ा। सितंबर 2024 में इस्पात उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सीमेंट क्षेत्र के लिए उत्पादन में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कोर सेक्टर के प्रमुख उद्योगों की ग्रोथ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल 4.2 फीसदी रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 8.2 फीसदी थी। वर्ष के पहले छह महीनों में स्टील की खपत स्थिर रही, जिसमें 13.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में दर्ज 14.9 फीसदी की वृद्धि से थोड़ी कम है। पहली छमाही में बिजली की खपत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन दोनों ही धीमा रहा है।
आठ कोर सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र शामिल हैं। कोर सेक्टर का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में भारांश 40.27 फीसदी है।