अभी स्टॉक मार्केट्स में भले ही कमजोरी दिख रही है, लेकिन सहीं स्टॉक्स पर दांव लगाने से संवत 2081 में बंपर कमाई हो सकती है। सैमको ग्रुप के फाउंडर और सीईओ जिमीत मोदी का कहना है कि निवेशक कंजम्प्शन और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की मजबूत कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स उन हाई क्वालिटी बिजनेसेज में निवेश करने के बारे में भी सोच सकते हैं, जिनकी अर्निंग्स पर इकोनॉमिक साइकिल का असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। इक्विटी रिसर्च, इनवेस्टमेंट एनालिसिस और टेक्नोलॉजी में 15 साल से ज्यादा अनुभव रखने वाले मोदी ने मनीकंट्रोल से बातचीत में स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं।
मोदी ने कहा कि अगर अमेरिकी मार्केट की बात करें तो उस पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का असर पड़ेगा। अगर डोनाल्ट ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा मिलेगा। जहां तक इंडिया की बात है तो विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने के आसार हैं। इनवेस्टमेंट अट्रैक्ट करने के मामले में इंडिया की प्रतिस्पर्धा चीन, जापान और अमेरिकी मार्केट्स से है। इंडिया में स्टॉक मार्केट्स में एकतरफा तेजी देखने को मिली है। MSCI जैसे प्रीमियम सूचकांकों में भी इंडिया की हिस्सेदारी (वेटेज) बढ़ा है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि वे अपने लॉन्ग ओनली फंड्स से बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल रिस्क सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से जुड़ा है। अगर अमेरिका में फिर से डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार राष्ट्रपति बनता है तो इसका मतलब है कि जियोपॉलिटिकल स्थितियां जस की तस बनी रहेंगी। अगर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं तो जियोपॉलिटिकल टेंशन घट सकता है। युद्ध जैसी स्थितियों के समाधान से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। दुनिया के दो बड़े हिस्सों में युद्ध जैसी स्थितियां बनी हुई हैं। रूस-यूक्रेन के बीच टकराव के दो साल पूरे हो गए हैं। इधर, मध्यपूर्व में एक साल से ज्यादा समय से हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
गोल्ड, सिल्वर और क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उन्होंने कहा कि इनमें तेजी का रुख बना रहेगा। गोल्ड पहले से लगातार ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बना रहा है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा। जहां तक क्रिप्टो की बात है तो इसकी कीमतें भी नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं। खासकर अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने का असर क्रिप्टो पर पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि वह क्रिप्टो करेंसी के बड़े समर्थक रहे हैं।