Paras Defence share: पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के शेयरों में आज 30 अक्टूबर को 5 फीसदी का अपर सर्किट लग गया। यह स्टॉक BSE पर 1008.35 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। दरअसल, कंपनी को रक्षा मंत्रालय के अधीन इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड की यूनिट ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री (OLF) से ₹42.05 करोड़ का ऑर्डर मिला है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में खरीदारी देखी गई। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 4,063.01 करोड़ रुपये हो गया।
Paras Defence ने फाइलिंग में क्या कहा?
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इस ऑर्डर में थर्मल इमेजिंग फायर कंट्रोल सिस्टम (TIFCS) के लिए पांच तरह के इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सब-सिस्टम की सप्लाई शामिल है, जिन्हें भारतीय सशस्त्र बलों को दिया जाएगा। पारस डिफेंस 24 महीने के भीतर ऑर्डर को एग्जीक्यूट करेगा। यह ऑर्डर डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स में पारस डिफेंस की स्थिति को मजबूत करता है, जो भारत के रक्षा मंत्रालय के साथ इसकी साझेदारी में एक और उपलब्धि है।
Paras Defence के तिमाही नतीजे
पारस डिफेंस ने Q2FY25 में मजबूत प्रदर्शन किया। कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट पिछले साल के ₹8.76 करोड़ से 44.9 फीसदी बढ़कर ₹12.70 करोड़ हो गया। सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही में कुल आय पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही के 62.41 करोड़ रुपये से 42.2 फीसदी बढ़कर 88.76 करोड़ रुपये हो गई।
Paras Defence के टेक्निकल और R&D डायरेक्टर का बयान
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज के टेक्निकल और R&D डायरेक्टर अमित एन महाजन ने इस महीने की शुरुआत में भरोसा जताया था कि कंपनी वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने अनुमानित 20-30% एनुअल ग्रोथ को पार कर जाएगी। सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक इंटरव्यू में महाजन ने बताया कि कंपनी के हाल ही में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से जुटाए गए ₹135 करोड़ का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने और नए बिजनेस अवसरों का लाभ उठाने के लिए किया जाएगा।
8 अक्टूबर को संपन्न हुए QIP ने पारस डिफेंस को अपने ऑपरेशन को मजबूत करने की स्थिति में ला दिया है। कंपनी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए एक्सक्लुसिव ऑप्टिक्स सप्लायर के रूप में भी कार्य करती है। कंपनी ने ₹10 फेस वैल्यू वाले 12.93 लाख इक्विटी शेयर जारी करने को मंजूरी दी है, जिनकी कीमत ₹1045 प्रति शेयर है। इन शेयरों का एक बड़ा हिस्सा QIP के तहत अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) को आवंटित किया गया है।