संवत 2081 का आगाज हो रहा है। संवत 2080 इंडियन स्टॉक मार्केट्स के लिए अच्छा रहा। निफ्टी ने इस दौरान 27 फीसदी और सेंसेक्स ने 25 फीसदी रिटर्न दिया। एसबीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक FY24-FY26 के दौरान निफ्टी कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ 11.8 फीसदी रह सकती है। इसका मतलब है कि इंडियन मार्केट्स का बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टॉक मार्केट्स में हालिया गिरावट बुलरन के बीच आने वाला करेक्शन है। इंडिया की ग्रोथ स्टोरी को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है। ऐसे में कुछ शेयरों पर दांव लगाने से अगले एक साल में अच्छी कमाई हो सकती है।
कंपनी का प्रदर्शन दूसरी तिमाही में अच्छा रहा है। बीती कुछ तिमाहियों में कंपनी अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में सफल रही है। ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GoV) के आधार पर FY22 में जोमैटो की बाजार हिस्सेदारी 54 फीसदी थी, जो FY25 की पहली तिमाही में बढ़कर 58 फीसदी हो गई। CLSA, Nuvama, MOFL सहित कई ब्रोकरेज फर्मों ने इस स्टॉक में निवेश की सलाह दी है। इस स्टॉक के लिए 370 रुपये तक का टारगेट प्राइस दिया है।
सरकार ने एफोर्डेबल हाउसिंग पर फोकस बढ़ाया है। इसका फायदा हुडको को मिलेगा। FY24 में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। कंपनी का प्रॉफिट 24 फीसदी बढ़कर 2,117 करोड़ रुपये रहा। FY24 में कंपनी का नेट NPA सिर्प 0.36 फीसदी था। इस स्टॉक की वैल्यूएशन भी अट्रैक्टिव है। अगले एक साल में यह स्टॉक अच्छा रिटर्न दे सकता है।
इंडिया में कुल कोयला उत्पादन का 81 फीसदी बिजली बनाने वाली कंपनियों के पास जाता है। ऐसे में कोयले की डिमांड स्ट्रॉन्ग बने रहने की संभावना है। कंपनी ने कॉस्ट घटाने के लिए कई उपाय अपनाए हैं। यह उन अंडरग्राउंड माइंस को बंद कर रही हैं, जिसमें उत्पादन में मुनाफा नहीं है। इससे उत्पादकता बढ़ेगी। कंपनी ने हाल में ग्रेफाइट माइनिंग में भी कदम रखा है। एसबीआई सिक्योरिटीज ने इस कंपनी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है।
ब्रोकरेज फर्म यूपीएस ने आरआईसी के शेयरों के लिए 630 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। पिछले तीन साल में कंपनी की प्रॉफिट ग्रोथ शानदार रही है। कंपनी ने FY25 के अंत तक जीरो एनपीए वाली कंपनी बनने का टारगेट रखा है। कंपनी ने 7 प्रोजेक्ट्स के लिए 100 फीसदी प्रोविजनिंग की है। 13,800 करोड़ वैल्यू के इन प्रोजेक्ट्स से जुड़े मसलों के निपटारा होने पर कंपनी को फायदा होगा। एक साल में कंपनी के शेयरों में अच्छी तेजी आ सकती है।
गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंच जाने से कंपनी को फायदा होगा। इस साल के अंत तक आरबीआई इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है। इसका भी फायदा कंपनी को मिलेगा। कंपनी की करीब 31-46 फीसदी लायबिलिटी 6 महीने में मैच्योर हो जाएगी। इससे नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर दबाव घटेगा। एनालिस्ट्स का कहना है कि FY26 में रिटर्न ऑन इक्विटी बढ़ने की संभावना है। ऐसे में कंपनी के स्टॉक का प्रीमियम सही लगता है।