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Short Call: क्या बैंकों को अपनी चपेट में ले सकता है माइक्रो फाइनेंस का संकट? जानिए Spandana Sphoorty और Sun Pharma क्यों सुर्खियों में हैं

निफ्टी 50 में तेजी तभी लौटेगी जब प्राइवेट बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। इसकी वजह यह है कि निफ्टी 50 में प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी 39 फीसदी है। इसलिए मार्केट की करीब नजरें प्राइवेट बैंकों की अर्निंग्स और एसेट क्वालिटी पर लगी हैं। लेकिन, बैंक मार्जिन प्रेशर और सुस्त डिपॉजिट ग्रोथ से उबरते दिख रहे थे तभी एक नई क्राइसिस सामने आ खड़ी हुई है। यह माइक्रो फाइनेंस सेक्टर की क्राइसिस है। माइक्रो फाइनेंस इस्टीट्यूशंस (एमएफआई) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आने वाले लोगों को लोन देते हैं। एमएफआई सेगमेंट में डिफॉल्ट बढ़ रहा है। कलेक्शन रेट घट रहा है। ग्राहकों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है। यह बैंकिंग सेक्टर के लिए खराब संकेत है। इसका असर बैंकों की एसेट क्वालिटी पर पड़ेगा।

बैंकों ने माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट को लेकर सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। वे कलेक्शन पर फोकस बढ़ा रहे हैं। बड़े संकट से बचने के लिए ज्यादा प्रोवजिनिंग कर रहे हैं। FY25 की दूसरी तिमाही में IDFC First Bank, Axis Bank और IndusInd Bank ने प्रोविजनिंग काफी बढ़ाई है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट से जुड़े रिस्क को देखते हुए 315 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है। एक्सिस बैंक ने 4,073 करोड़ रुपये के रिटेल स्लिपेज के बारे बमें बताया है। उसने प्रोविजनिंग बढ़ाई है। IndusInd Bank ने 525 करोड़ रुपये का बफर बनाया है। इसमें से 250 करोड़ रुपये सिर्फ माइक्रो फाइनेंस पोर्टफोलियो के लिए है। मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स ने कहा है कि FY25 के दौरान माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट में दबाव बना रह सकता है।

सन फॉर्मा के शेयरों में 29 अक्टूबर को 2 फीसदी गिरावट आई। कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजे पेश किए हैं। बाल झड़ने की दवा Leqselvi की लॉन्चिंग पेटेंट से जुड़े मसलों की वजह से फंसी हुई है। अगर इस मसले का जल्द निपटारा नहीं होता है तो इस दवा से संभावित 20 करोड़ डॉलर रेवेन्यू के मौके पर खराब असर पड़ेगा। आने वाली तिमाहियों में रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च बढ़ने के आसार हैं। ऐसा होने पर मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा। हालांकि, स्पेशियलिटी ड्रग के मामले में Sun Pharma प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में है। आरएंडडी पर निवेश बढ़ाने फायदा लंबी अवधि में दिखेगा। Leqselvi के मामले में फैसला कंपनी के पक्ष में आने पर इसकी लॉन्चिंग का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा।

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