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गोदावरी बायोरिफाइनरीज 12.5% नीचे ₹308 पर लिस्ट: इश्यू प्राइस ₹352 था, टोटल 1.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था

 

गोदावरी बायोरिफाइनरीज का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इश्यू प्राइस से 12.5% नीचे 308 रुपए पर लिस्ट हुआ। जबकि, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 11.78% डाउन 310.55 रुपए पर लिस्ट हुआ।

 

इस इश्यू के लिए कंनपी ने 352 रुपए का प्राइस बैंड तय था। बोली लगाने के आखिरी दिन तक यह टोटल 1.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

₹554.75 करोड़ का है गोदावरी बायोरिफाइनरीज का इश्यू

गोदावरी बायोरिफाइनरीज का ये इश्यू टोटल 554.75 करोड़ रुपए का है। इसके लिए कंपनी ने 325 करोड़ रुपए के 92,32,955 फ्रेश शेयर इश्यू की। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 229.75 करोड़ रुपए के 6,526,983 शेयर बेचे।

कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए, करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व रखा था।

मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?

गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹334-₹352 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 42 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। IPO के अपर प्राइज बैंड ₹352 के हिसाब से निवेशक 1 लॉट के 14,784 रुपए इन्वेस्ट कर सकते थे।

वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 546 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,192 इन्वेस्ट करना था।

1956 में स्थापित हुई गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज लिमिटेड

साल 1956 में स्थापित हुई गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज एथेनॉल के केमिकल्स बनाती है। जून 2024 तक के डेटा के मुताबिक, कंपनी की एथेनॉल बनाने की प्रतिदिन क्षमता 570 किलोलीटर है। कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बॉयो-बेस्ड केमिकल्स, शुगर, अलग-अलग प्रकार के एथेनॉल, पावर शामिल हैं।

इनका इस्तेमाल फूड, बेवरेजेज, फार्मा,फ्लेवर्स और फ्रेगरेंसेज,पावर,फ्यूल, पर्सनल केयर और कॉस्मेटिक्सजैसी इंडस्ट्रीज में होता है। गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज के दो मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटीज और तीन आरएंडडी फैसिलिटीज हैं।

IPO क्या होता है?

जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

 

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