ऑफिस लीजिंग मार्केट की मजबूती के हालिया आंकड़े और 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे संकेत देते हैं कि रीट्स में अभी तेजी की गुंजाइश है। वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में इस क्षेत्र में सकल लीजिंग बढ़कर 2.47 करोड़ वर्गफुट हो गई जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 69 फीसदी की बढ़ोतरी है। यह लगातार चौथी तिमाही है जब सकल लीजिंग 2 करोड़ वर्गफुट या उससे ज्यादा रही है।
साल 2024 के पहले नौ महीने में सकल लीजिंग 6.6 करोड़ वर्गफुट पर पहुंच गई। यह सालाना आधार पर 41 फीसदी ज्यादा है। नुवामा रिसर्च का अनुमान है कि इस साल सकल लीजिंग 8 करोड़ वर्गफुट के पार चली जाएगी। तिमाही में शुद्ध लीजिंग भी सालाना आधार पर 59 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1.22 करोड़ वर्गफुट पर पहुंच गई जबकि आपूर्ति 95 लाख वर्गफुट रही जो सालाना आधार पर 8 फीसदी की गिरावट है।
लीजिंग के मजबूत रुझान से संकेत मिलता है कि आपूर्ति के मुकाबले मांग ज्यादा है। इस कारण सालाना आधार पर खाली जगहों की दर 170 आधार अंक घटकर 16.5 फीसदी रह गई। साल 2024 में शुद्ध लीजिंग संभावित तौर पर नए रिकॉर्ड पर पहुंच सकती है और 2019 के 4.3 करोड़ वर्गफुट के आंकड़े को पीछे छोड़ सकती है।
नुवामा रिसर्च के परवेज काजी औ्र वासुदेव गनांत्रा की अगुआई में विश्लेषकों को मध्यम अवधि में खाली जगहों स्तर थोड़ा घटता दिख रहा है और सालाना किराए में वृद्धि तेज होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि लागत का दबाव वैश्विक फर्मों को भारत से आउटसोर्सिंग में इजाफे के लिए प्रोत्साहित कर सकता है जिससे ऑफिस की मांग में मजबूती आएगी। उन्होंने प्रेस्टीज एस्टेट्स, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज और एम्बेसी ऑफिस पार्क्स रीट्स को ऑफिस स्पेस सेक्टर में निवेश के लिहाज से पसंदीदा बताया है।
लीजिंग के अलावा ऑफिसों का किराया भी साल के आखिर तक कई साल के उच्चस्तर पर पहुंचने का अनुमान है। रियल एस्टेट सर्विस फर्म कोलियर्स ने हाल में देश के छह अग्रणी ऑफिस मार्केट्स में औसत किराया इस साल पहली बार दूसरी तिमाही में महामारी के पूर्व स्तर पर पहुंचने की रिपोर्ट दी है।
कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक अर्पित मल्होत्रा ने कहा कि चूंकि भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट में मांग मजबूत हो रही है। ऐसे में मध्यम अवधि के लिहाज से सालाना खपत 6 करोड़ वर्गफुट होना सामान्य बन सकता है। कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नाडर को उम्मीद है कि ऑफिसों का औसत किराया मजबूत बना रहेगा और 2024 में प्रमुख शहरों में सालाना वृद्धि 10 फीसदी रह सकती है।
एशियन कॉमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट पर एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत वृद्धि का अहम क्षेत्र है। मैक्रो और स्ट्रक्चरल रुझान बहुराष्ट्रीय और एनवीडिया जैसी तकनीकी कंपनियों की क्वालिटी ऑफिस स्पेस के लिए मांग बढ़ा रहे हैं। एचएसबीसी ने भी कर्मचारियों के वापस कार्यालय लौटने, फ्लेक्सिबल ऑफिस स्पेस में बढ़ोतरी, बड़े संस्थानों का स्वामित्व और विशेष आर्थिक क्षेत्रों को प्रशासित करने वाले नियमों में बदलाव को तेजी का कारण बताया है।
ब्रोकरेज के विश्लेषक मिशेल क्वॉक की अगुआई वाले ब्रोकरेज के विश्लेषकों ने कहा कि साल 2011 से ऑफिस किराए में स्थिर वृद्धि के बावजूद शेयरों ने अभी तक इस क्षेत्र के मजबूत फंडामेंटल को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं किया है जिससे मूल्यांकन आकर्षक हो गए हैं। उनके पसंदीदा रीट्स में एम्बेसी रीट्स और ब्रुकफील्ड इंडिया रीट शामिल हैं जिनमें अगले पांच साल में अनुमानित तौर पर 13 से 15 फीसदी वृद्धि हो सकती है।
वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में एम्बेसी रीट्स के नतीजे मजबूत थे। कंपनी ने लीजिंग के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है और यह 40 लाख वर्गफुट रहा जो सालाना आधार पर 29 फीसदी ज्यादा है। ऑक्युपेंसी भी बढ़कर 87 फीसदी हो गई जो पिछले साल की दूसरी तिमाही के 83 फीसदी से ज्यादा है।
सालाना आधार पर किराया बढ़कर 89 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुंच गया। प्रबंधन ने वित्त वर्ष 25 के लिए लीजिंग लक्ष्य 56 लाख वर्गफुट से बढ़ाकर 65 लाख वर्गफुट कर दिया है। उसे उम्मीद है कि साल के आखिर तक ऑक्युपेंसी 88 फीसदी पर पहुंच जाएगी।