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प​श्चिम ए​शिया ने बढ़ाई शेयर बाजार की चिंता, निवेशकों में घबराहट

विदेशी निवेशकों की रिकॉर्ड बिकवाली से देसी शेयर बाजार पर पहले से ही दबाव है और कच्चे तेल के दामों में तेजी नई चुनौती खड़ी कर रही है। प​श्चिम ए​शिया में तनाव के मद्देनजर पिछले हफ्ते ब्रेंट क्रूड 4.1 फीसदी चढ़कर 76 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान-इजरायल के बीच विवाद और बढ़ने से तेल की कीमतों में आगे और तेजी आ सकती है जिसका असर घरेलू शेयर बाजार में दिख सकता है। सेंसेक्स और निफ्टी पहले ही इस महीने अभी तक 6 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं।

क्षेत्र में ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा महीनों से किए जा रहे हमलों के जवाब में शनिवार तड़के इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया जिससे तेल की कीमतों में उछाल आई है। ईरान की सेना ने बताया कि इजरायल के हवाई हमले में उसके दो सैनिक मारे गए। विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार के लिहाज से सकारात्मक बात यह है कि ईरान, इजरायल के हमले को कमतर बता रहा है जो मिसाइल और हवाई रक्षा क्षेत्रों तक सीमित था और परमाणु, तेल तथा नागरिक बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

एवेंडस कैपिटल प​ब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्या​धिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘हमले अधिक संयमित प्रतीत होते हैं मगर यह देखना होगा कि ईरान की प्रतिक्रिया क्या होगी? कंपनियों की कमाई के मोर्चे पर अभी तक कुछ खास नहीं रहा है। कुल मिलाकर बाजार में तेजी का कोई उत्प्रेरक नहीं है। अगर प​श्चिम ए​शिया में तनाव कम होता है तो बाजार में थोड़ी तेजी दिख सकती है।’

वै​श्विक निवेशकों की नजरें अमेरिकी चुनाव के नतीजों पर भी होंगी। अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा कि सोमवार को बाजार गिरावट के साथ खुल सकता है। आईसीआईसीआई बैंक के नतीजे अच्छे रहे हैं, ऐसे में बाजार के मनोबल में थोड़ा सुधार हो सकता है। ईरान के तेल संयंत्रों पर हमला नहीं हुआ है जिससे कच्चे तेल की कीमतों में ज्यादा तेजी आने के आसार नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनियों के कमजोर नतीजों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में ज्यादा गिरावट आई है।

भट्ट ने कहा, ‘जब बाजार ऊंचाई पर था तो कमाई को लेकर चिंता की कोई गुंजाइश नहीं थी मगर अब यह 7 से 8 फीसदी नीचे आ चुका है। ऐसे में नतीजे आगे और खराब रहते हैं तो बाजार में गिरावट बढ़ सकती है।’

कई ब्लूचिप कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहने से विश्लेषकों ने चालू और अगले वित्त वर्ष के लिए आय के अनुमान में कटौती की है। इससे निफ्टी और सेंसेक्स का लक्ष्य भी घटाया गया है। येस सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अमर अंबानी ने कहा, ‘विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं और कई निवेशकों ने बाजार से दूरी बना ली है और अगर वे छोटी बिकवाली भी करते हैं तो बाजार नीचे आ सकता है।’

बीते शुक्रवार को भी बाजार गिरावट पर बंद हुआ और सेंसेक्स तथा निफ्टी लगातार चौथे हफ्ते नुकसान में रहे, जो अगस्त 2023 के बाद सबसे लंबी साप्ताहिक गिरावट है। अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली कम नहीं होती है तो बाजार में 2 से 5 फीसदी की और गिरावट आ सकती है।

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