NSE IPO: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की लिस्टिंग के बाद लंबे समय से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की लिस्टिंग का इंतजार किया जा रहा है। यह कब तक आएगा, इसे लेकर एनएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने खुलासा किया है। आशीष के मुताबिक देश के सबसे बड़े एक्सचेंज एनएसई को बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से क्लियरिंग का इंतजार है। एक बार क्लियरिंग मिल जाए, तो आईपीओ का काम आगे बढ़ेगा। उन्होंने ये बातें आज शुक्रवार को ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में कही। बीएसई पहले से ही लिस्टेड है और इसका आईपीओ जनवरी 2017 में आया था। इसके 807 रुपये के शेयर 3 फरवरी 2017 को एनएसई पर लिस्ट हुए थे। फिलहाल यह 4068 रुपये के भाव पर है।
2016 से NSE IPO के लिए हो रही कोशिशें
एनएसई के सीईओ का कहना है कि वर्ष 2016 से ही लिस्टिंग की तैयारी चल रही है लेकिन यह टलता ही जा रहा है। इसे फिर से अप्लाई करने के लिए सेबी के मंजूरी की जरूरत है। उन्होंने कह कि इसके कागजात तभी तैयार हो पाएंगे जब सेबी से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिल जाएगा तो इसमें समय लगेगा।
SEBI ने क्यों रोक दिया था एनएसई आईपीओ का प्लान
शुरुआत में एनएसई के आईपीओ के प्लान को इसलिए रोक दिया था क्योंकि उस समय यह इसके को-लोकेशन सर्वर तक हाई-स्पीड ट्रेडर्स का अनुचित तरीके से जुड़े मामले में फंसा हुआ था। इस मामले में आरोप था कि कुछ ट्रेडर्स को अनुचित तरीके से को-लोकेशन सर्वर का एक्सेस दिया गया, जिससे उन्हें फायदा मिला। इस मामले में एनएसई ने अपना पक्ष रखा और पिछले महीने ही सेबी ने इस मामले में एक्सचेंज को मिलीभगत और साजिश के आरोपों से मुक्त किया है। इन आरोपों से मुक्त होने के बाद तो अनलिस्टेड मार्केट में जैसे एनएसई के शेयरों की मांग बढ़ गई है। पहले से ही आईपीओ को लेकर उम्मीदें बढ़ रही थीं तो इन सबने मिलकर एनएसई के वैल्यूएशन को महज चार महीनों में डबल कर दिया। अभी इसकी वैल्यू $3600 करोड़ डॉलर से अधिक है, जिससे यह CBOE ग्लोबल मार्केट्स, जापान एक्सचेंज ग्रुप र सिंगापुर एक्सचेंज से बड़ी हो गया है।