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Market in Diwali Week: दीवाली वाले हफ्ते में किस करवट दौड़ेगा मार्केट? इन 10 बातों से होगा तय

Market in Diwali Week: मार्केट में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स पिछले कारोबारी हफ्ते में 2 फीसदी से अधिक टूट गए। वैश्विक स्तर पर बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन, कंपनियों के सितंबर तिमाही के सुस्त कारोबारी नतीजे और मार्जिन में दबाव के साथ-साथ मांग में नरमी की आंच में मार्केट झुलस गया है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने पूरी तरह से मार्केट का माहौल खराब कर दिया है और लगातार चौथे हफ्ते की गिरावट से मार्केट चार महीने के निचले स्तर पर आ गया है।

अब 28 अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले कारोबारी हफ्ते यानी दिवाली वाले हफ्ते में बेयरेश माहौल बने रहने के संकेत हैं। सेंसेक्स 80 हजार के नीचे आ चुका है और निफ्टी भी 28 जून के बाद के नितले स्तर 24181 पर आ गया है। इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स रिकॉर्ड हाई से करीब 8 फीसदी फिसल चुके हैं। इस कारोबारी हफ्ते निफ्टी मिडकैप 100 तो 5.75 फीसदी निफ्टी स्मॉलकैप 100 भी 6.5 फीसदी फिसला जबकि निफ्टी के बैंक, एफएमसीजी, ऑटो, फार्मा, मेटल, ऑयल एंड गैस और रियल्टी स्टॉक्स 2.5-7 फीसदी फिसल गए।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड (रिसर्च, वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका का मानना है कि मार्केट में अभी कमजोरी बनी रहने वाली है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर के मुताबिक अब एफआईआई की बिक्री की रफ्तार सुस्त पड़े और अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर कुछ निश्चितता दिखे तो मार्केट में फिर से रैली आ सकती है। अगले कारोबारी हफ्ते मार्केट की चाल को लेकर 10 अहम बातें नीचे दी जा रही हैं।

 

अगले कारोबारी हफ्ते इन 10 अहम बातों पर रहेगी नजर

कंपनियों के तिमाही नतीजे

आने वाले कारोबारी हफ्ते में करीब 400 कंपनियां सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करेंगी, इनमें भारती एयरटेल, सन फार्मा, अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, सिप्ला, मारुति सुजुकी, और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) हैं। इसके अलावा, नॉन-निफ्टी 50 स्टॉक्स जैसेकि अदाणी पावर, अंबुजा सीमेंट, टाटा पावर, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी, भारती हेक्साकॉम, भेल, फेडरल बैंक, इंद्रप्रस्थ गैस, भारतीय बैंक, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, पंजाब नेशनल बैंक, टाटा टेक्नोलॉजीज, केनरा बैंक, इंजीनियर्स इंडिया, मैरिको, एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज, वोल्टास, वेबसोल एनर्जी सिस्टम, बायोकॉन, डाबर इंडिया, आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, नारायणा हृदयालय, और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन इत्यादि के नतीजे आएंगे।

अमेरिकी जीडीपी

सितंबर तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कैसी हालत रही, सितंबर तिमाही में महंगाई ने कितनी रुलाया या राहत मिली, सितंबर महीने में रोजगार की क्या स्थिति रही और कितने लेगों की नौकरी गई, इनसे जुड़े आंकड़े आने वाले हैं तो इस पर नजरें रहेंगी। जून तिमाही में अमेरिकी इकॉनमी 3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी। ये आंकड़े इसलिए भी अहम हैं क्योंकि अगले महीने 8 नवंबर को अमेरिकी फेड ब्याज दरों पर फैसला लेगा। पिछली बैठक में अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की थी।

वैश्विक इकनॉमिक डेटा

निवेशकों की निगाहें अमेरिका, चीन, जापान समेत कई अहम देशों के मैनुफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़ों पर भी रहेगी। इसके अलावा सितंबर तिमाही में यूरोजोन के GDP की रफ्तार कैसी रही और बैंक ऑफ जापान ब्याज दरों पर क्या फैसला लेगा, इस पर भी नजरें रहेंगी। एनालिस्ट्स के मुताबित बैंक ऑफ जापान मौजूदा रुझान को बनाए रख सकता है क्योंकि गवर्नर Kazuo Ueda ने संकेत दिया है कि अगले सप्ताह ब्याज दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी।

घरेलू इकनॉमिक डेटा

घरेलू मोर्चे पर बात करें तो मार्केट की नजरें 1 नवंबर को आने वाले अक्टूबर के लिए मैनुफैक्चरिंग PMI के आंकड़ों पर होगी। HSBC इंडिया के अनुमान के मुताबिक यह 56.5 से बढ़कर 57.4 पर पहुंच जाएगा यानी मैनुफैक्चरिंग बढ़ रही है। हालांकि आखिरी आंकड़े 1 नवंबर को आएंगे। इसके अलावा 30 अक्टूबर को आने वाले सितंबर महीने के इंफ्रा आउटपुट और 31 अक्टूबर को आने वाले राजकोषीय घाटे के डेटा पर भी ध्यान नजरें रहेगी।

FII का निवेश या बिकवाली?

अगले कारोबारी हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) खरीदारी करेंगे या बिकवाली, इस पर नजरें रहेगी। इस महीने उन्होंने एक भी दिन नेट खरीदारी नहीं की है। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने लगातार खरीदारी की है और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के झटके से मार्केट को काफी हद तक बचाने की कोशिश की है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के चलते नियर टर्म में घरेलू मार्केट में FIIs की बिकवाली जारी रह सकती है। पिछले काराबोरी हफ्ते में FIIs ने 20 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की नेट बिक्री की और इस महीने अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों की नेट बिक्री की है। वहीं दूरी तरफ DIIs ने पिछले कारोबारी हफ्ते 22,915 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट खरीदारी की है जबकि इस महीने अब तक 97 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की नेट खरीदारी की है।

तेल की कीमतें

मार्केट की नजरें कच्चे तेल और सोने-चांदी जैसे प्रेशस मेटल की कीमतों पर रहेगी। पिछले कारोबारी हफ्ते वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड का फ्यूचर्स 4 फीसदी उछलकर प्रति बैरल 76.05 डॉलर के भाव पर पहुंच गया और इसने वीकली चार्ट पर बुलिश रिवर्सल पैटर्न बनाया है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर के बीच 0.9 फीसदी उछलकर कोमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स उछलकर प्रति औंस 2,772.60 डॉलर पर पहुंच गया। निवेशक अमेरिकी बजट डेफिसिट और 10 साल के ट्रेजरी यील्ड के उछलकर जुलाई के बाद के हाई लेवल 4.25 फीसदी पर पहुंचने से भी परेशान हैं।

अगले कारोबारी हफ्ते आईपीओ मार्केट सुस्त रहने वाला है क्योंकि कोई नया आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए नहीं खुलेगा। हालांकि मेनबोर्ड में बात करें तो एफकॉन्स इंफ्रा का आईपीओ 29 अक्टूबर तक खुला रहेगा जबकि वारी एनर्जीज के शेयर 28 अक्टूबर और गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज के शेयर 30 अक्टूबर को लिस्ट होंगे। एसएमई सेगमेंट में ऊषा फाइनेंशियल सर्विसेज का आईपीओ 28 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। इसके अलावा दानिश पावर, यूनाइटेड हीट ट्रांसफर और ओबीएससी परफेक्शन के शेयर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे और ऊषा फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर 31 अक्टूबर को लिस्ट होंगे।

Nifty 50 को लेकर टेक्निकल व्यू

तकनीकी रूप से निफ्टी 50 में कमजोर बने रहने के संकेत दिख रहे हैं क्योंकि इसने हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न के दाहिने शोल्डर का पहला टारगेट हासिल कर लिया है और 100-दिनों के EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) को तोड़ दिया है। वीकली चार्ट पर इसने लगातार चौथे हफ्ते लोअर हाई-लोअर लो बनाते हुए लॉन्ग बेयरेश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया है। ऐसे में अधिकतर एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह जल्द ही अगस्त के निचले स्तर 23,894 तक आ सकता है और फिर 200-दिनों के ईएमए तक टूट सकता है। हालांकि अगर ऑस्किलेटर पर ओवरसोल्ड की स्थिति को देखते हुए रिकवरी होती है तो इसका टिके रहना मुश्किल है क्योंकि तेजी पर बिकवाली का माहौल इसे फिर नीचे खींच सकता है।

मंथली ऑप्शंस डेटा से संकेत मिल रहा है कि डाउनसाइड निफ्टी को 24 हजार पर तात्कालिक सपोर्ट मिल रहा है और इसके बाद 23 हजार के लेवल पर अहम सपोर्ट है। वहीं अपसाइड इसके लिए 24500 पर तगड़ा रेजिस्टेंस है। कॉल साइड 25 हजार के लिए लेवल सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट (OI) है, फिर 24,500 और फिर 25,500 के लेवल पर। सबसे अधिक राइटिंग 25 हजा, फिर 24300 और फिर 24200 पर दिख रही है। पुट साइट बात करें तो 23,000 के लेवल पर सबसे अधिक ओपन इंटेरेस्ट (OI) है, फिर 23,500 और फिर 24,000 के लेवल पर। सबसे अधिक राइटिंग 25 हजा, फिर 23,500 और फिर 23,400 पर दिख रही है। वोलैटिलिटी हाई बनी हुई है जिससे बुल्स के लिए दिक्कतें बढ़ी हैं। पिछले कारोबारी हफ्ते इंडिया विक्स 12.23 फीसदी उछलकर 14.63 फीसदी पर पहुंच गया।

आने वाले कॉरोबारी हफ्ते में इन कॉरपोरेट एक्शन पर नजरें रहेगी। इमसें अंतरिम डिविडेंड, स्टॉक स्प्लिट, बोनस इश्यू इत्यादि जैसे एक्शन शामिल हैं।

corporate action

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