धनतेरस नजदीक है और इसके साथ ही शुरू हो जाएगा दिवाली का त्योहार। भारत में धनतेरस पर सोना या चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। इन दोनों कीमती धातुओं की भारतीयों के दिलों में एक खास जगह है। सोने के बिना श्रृंगार कहीं न कहीं अधूरा लगता है, तो वहीं खास मौकों पर देने के लिए चांदी का सिक्का काफी पुराना लेकिन अभी भी पॉपुलर विकल्प है। हालांकि इन दोनों मेटल की अहमियत केवल गहनों या सिक्कों भर तक सीमित नहीं है।
सबसे पहले बात करें सोने की तो यह भारतीयों के बीच एक लंबे वक्त से समृद्धि और प्रतिष्ठा का प्रतीक बना हुआ है। पारंपरिक रूप से इसका इस्तेमाल कई फॉर्म्स में किया जाता है, जैसे कि गहने, सिक्के, कलाकृति आदि। इसके अलावा सोना निवेश का एक अच्छा विकल्प है। अक्सर दबाव वाले, अनिश्चितता से भरे माहौल में सोना ज्यादा सुरक्षित निवेश विकल्प लगने लगता है। और चूंकि सोने की कीमत लगातार उछलती ही जा रही है तो यह कहना गलत नहीं है कि इसमें रिटर्न भी अच्छा है।
सोना बाजार में आसानी से उपलब्ध रहता है। इसे जब चाहें खरीद या बेच सकते हैं। फिजिकल फॉर्म में निवेश न करना हो तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड जैसे वित्तीय साधनों के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है।
कई इंडस्ट्रीज में भी होता है सोने का इस्तेमाल
इसके अलावा इस पीली धातु को औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। सोने की यूनीक प्रॉपर्टीज इसे कई तरह की इंडस्ट्रीज के लिए वैल्यूएबल बनाती हैं। यह हीट और इलेक्ट्रिसिटी का एक एक्सीलेंट कंडक्टर है। इस कारण से यह इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। जैसे कि प्रिंटेड सर्किट के तौर पर ओर ट्रांजिस्टर्स में। कंप्यूटर, कैलकुलेटर, टीवी, टेलिफोन और फायर डिटेक्टर्स के सर्किट आमतौर पर गोल्ड प्लेटेड होते हैं। यह एंटी लॉक ब्रेक और एयरबैग डिप्लॉयमेंट सिस्टम्स के तहत कारों में भी इस्तेमाल होता है। इसके अलावा इसे डेंट्रिस्ट्री, एयरोस्पेस, डिफेंस, स्पेस, टेक्नोलॉजी, केमिकल इंडस्ट्रीज, चुनिंदा मेडिकल डिवाइसेज, और कुछ फूड प्रोडक्ट्स में भी इस्तेमाल किया जाता है।
चांदी की कितनी अहमियत
सोने की तरह चांदी भी कई मायनों में एक बेहद वैल्यूएबल मेटल है। बस इसकी कीमत सोने के मुकाबले कम है। चांदी भी आमतौर पर ज्वैलरी, सिक्के, कलाकृति, बर्तन, बॉक्स, पूजा सेट, फ्रेम आदि फॉर्म भी इस्तेमाल की जाती है। निवेश के लिहाज से भी यह एक अच्छा विकल्प है। चाहें तो इसे फिजिकल फॉर्म में खरीद सकते हैं, नहीं तो सिल्वर ETF को चुन सकते हैं।
सोने की तरह चांदी को भी औद्योगिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो आने वाले वक्त में इसका रिटर्न भी अच्छा ही रहने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, मेडिकल इक्विपमेंट, फूड प्रोडक्ट्स आदि कई तरह की इंडस्ट्रीज में चांदी का इस्तेमाल होता है। इंडस्ट्रीज में इसकी डिमांड बाजार मूल्य को सकारात्मक रूप से बढ़ाती है।
आपको क्या खरीदना चाहिए?
इस सवाल का जवाब पूरी तरह से आपके बजट और लक्ष्यों पर निर्भर करता है। सोना और चांदी दोनों ही मेटल रिटर्न के लिहाज से अच्छे हैं और दोनों की ही अहमियत बेहद ज्यादा है। वर्तमान में 24 कैरेट वाले सोने की कीमत 80000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 98000 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब पहुंच चुकी है। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिहाज से सोने में निवेश करना/बढ़ाना चाहते हैं या फिर शादी या अन्य किसी कारण से सोने की ज्वैलरी बनवाना जरूरी है और आपके पास एक अच्छा बजट है तो सोने की खरीद चुन सकते हैं। लेकिन अगर बजट कम है और कीमती धातु खरीदनी ही खरीदनी है तो चांदी के साथ जा सकते हैं।