नई दिल्ली: हुंडई इंडिया ने नुकसान के साथ शेयर बाजार में दस्तक दी। लिस्टिंग वाले दिन इसकी शुरुआत फीकी रही। कंपनी का शेयर अपने 1,960 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 7 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ। भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO होने के बावजूद इसे निवेशकों की बेरुखी देखनी पड़ी। ऐसा IPO के बड़े आकार और निवेशकों के लिए बहुत ज्यादा उम्मीदें न छोड़ने वाले वैल्यूएशन के कारण हुआ। रिटेल निवेशकों की कम दिलचस्पी ने भी शेयर के खराब प्रदर्शन में योगदान दिया। हालांकि, ब्रोकरेज फर्मों को कंपनी की मजबूत बुनियाद और SUV सेगमेंट पर रणनीतिक फोकस के चलते इसके लंबी अवधि में अच्छा करने की संभावनाओं पर भरोसा है। हुंडई इंडिया का आईपीओ 27,856 करोड़ रुपये का था। यह इसे भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ बनाता है। इससे पहले LIC और पेटीएम जैसे बड़े IPO भी लिस्टिंग के दिन नुकसान के साथ बंद हुए थे। उनके साथ भी यही फैक्टर थे।हुंडई के मामले में शेयर IPO मूल्य 1,960 रुपये से 7.12 फीसदी फिसलकर 1,820.40 रुपये पर बंद हुआ। दिलचस्प यह है कि लिस्टिंग के दिन ही नोमुरा, मॉर्गन स्टैनली और मोतीलाल ओसवाल जैसी तीन ब्रोकरेज फर्मों ने ‘खरीदें’ रेटिंग के साथ शेयर पर कवरेज शुरू किया। फिर इतनी सारी सकारात्मक भावनाओं के बावजूद शेयर ने इतना खराब प्रदर्शन क्यों किया?
विश्लेषकों का मानना है कि आईपीओ के खराब प्रदर्शन का एक कारण इसका विशाल आकार है। बाजार में शेयरों की बड़ी सप्लाई कीमतों पर दबाव डाल सकती है। इसके अलावा कुछ लोगों का तर्क है कि आईपीओ को बहुत ज्यादा कीमत पर रखा गया था। इससे निवेशकों के लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश कम हो गई। एमके ग्लोबल के अनुमान बताते हैं कि हुंडई का वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2024-25 की कमाई के 27.4 गुना पर है, जबकि मारुति सुजुकी का वैल्यूएशन 25.7 गुना पीई पर है।
इतिहास ने खुद को क्यों दोहराया?
यह ट्रेंड नया नहीं है। हुंडई से पहले के सात सबसे बड़े आईपीओ में से केवल एक कोल इंडिया लिस्टिंग के दिन निवेशकों के लिए लाभ कमाने में कामयाब रहा। LIC, पेटीएम, GIC Re, SBI कार्ड्स, रिलायंस पावर और द न्यू इंडिया एश्योरेंस सहित अन्य सभी लाल निशान में बंद हुए।
इन सभी के साथ एक महत्वपूर्ण फैक्टर आईपीओ का बड़ा आकार रहा है। बड़े पब्लिक फ्लोट के चलते शेयरों की सप्लाई बढ़ जाती है। यह शेयर की कीमतों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। वैल्यूएशन एक और पहलू है जहां हुंडई कम पड़ गई।
इसके अलावा रिटेल निवेशकों की ओर से दिलचस्पी की कमी ने हुंडई के खराब प्रदर्शन में योगदान दिया। IPO के रिटेल हिस्से को केवल 50% ही सब्सक्राइब किया गया था। जबकि कुल मिलाकर इश्यू को दो गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया था। एक्सपर्ट्स ने कहते हैं कि रिटेल निवेशक आमतौर पर लिस्टिंग गेन की तलाश करते हैं। यह ज्यादा वैल्यूएशन के कारण असंभव लग रहा था।
हालांकि, शुरुआती झटका निराशाजनक हो सकता है। लेकिन, विश्लेषकों का मानना है कि हुंडई इंडिया में दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं बरकरार हैं। कंपनी की भारत के मजबूत उपस्थिति है। यह तेजी से बढ़ते SUV सेगमेंट पर फोकस कर रही है। हुंडई की पैरेंट कंपनी हुंडई मोटर ग्रुप की इलेक्ट्रिक वाहनों में भारी निवेश करने की योजना है।
शेयर का आज का शो कैसा?
बीएसई पर कंपनी का शेयर 1,931 रुपये पर लिस्ट हुआ। यह इसके इश्यू प्राइस से 1.47 फीसदी की गिरावट है। बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। यह 0.44 फीसदी की बढ़त के साथ 1,968.80 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि, वह तेजी बरकरार रखने में विफल रहा। 7.80 फीसदी की गिरावट के साथ 1,807.05 रुपये पर आ गया। अंत में यह 7.12 फीसदी फिसलकर 1,820.40 रुपये पर बंद हुआ।
एनएसई पर कंपनी के शेयर ने 1.32 फीसदी की गिरावट के साथ 1,934 रुपये पर शुरुआत की। कारोबार के दौरान यह 7.80 फीसदी लुढ़ककर 1,807 रुपये पर आ गया था। हालांकि, कारोबार के अंत में यह 7.16 फीसदी की गिरावट के साथ 1,819.60 रुपये के भाव पर बंद हुआ। कंपनी का बाजार मूल्यांकन 1,47,914.98 करोड़ रुपये रहा।
दिन में बीएसई पर कंपनी के 15.87 लाख शेयरों का कारोबार और एनएसई पर 286.20 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के आईपीओ को पेशकश के अंतिम दिन यानी पिछले गुरुवार को 2.37 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। 27,870 करोड़ के आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया गया था।