सीनियर सिटीजंस को जल्द अच्छी खबर मिल सकती है। मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी खत्म करने की सलाह दी है। इस पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा। सितंबर में जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक के बाद इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने के प्रस्ताव पर विचार के लिए मंत्रियों का समूह बनाया गया था। इस समूह ने सभी सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम और बाकी 5 लाख तक के कवर वाली सभी हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर जीएसटी खत्म करने की सिफारिश की है। बताया जाता है कि मंत्रियों के समूह ने सभी टर्म लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम को भी जीएसटी से छूट देने की सलाह दी है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक नवंबर में होने वाली है।
नितिन गडकरी ने वित्तमंत्री को लिखी थी चिट्ठी
इस मामले की शुरुआत ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी की चिट्ठी से हुई थी। उन्होंने इस साल जुलाई में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को एक लेटर लिखा था। इसमें उन्होंने लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी खत्म करने की सलाह दी थी। हालांकि, यह चिट्ठी गोपनीय थी। लेकिन, यह सार्वजनिक हो गई, जिसके बाद विपक्ष ने मौके का फायदा उठाने के लिए इस मसले को लपक लिया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने की मांग की थी।
जीएसटी काउंसिल ने जीओएम का गठन किया था
इसके बाद सितंबर की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में उम्मीद थी कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का फैसला हो जाएगा। लेकिन, काउंसिल ने इस बारे में एक मंत्रियों का एक समूह बनाने का फैसला किया। काउंसिल का मानना था कि जीओएम इस मसले पर विस्तार से विचार करने के बाद अपनी सलाह देगी। इस बीच, कुछ राज्यों का मानना था कि इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने के बाद इंश्योरेंस कंपनियां इसके फायदे खुद अपने पास रख सकती हैं। इसका मतलब है कि वे इसका फायदा ग्राहकों को नहीं देंगी।
इंडिया में आबादी के हिस्से की पहुंच बीमा तक नहीं
इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का व्यापक असर पड़ेगा। इंडिया में इंश्योरेंस की पहुंच अभी आबादी के बहुत कम हिस्से तक है। इंडिया में Insurance Penetration 4 फीसदी से कम है। इंश्योरेंस पेनेट्रेशन से यह पता चलता है कि किसी देश की आबादी के कितने हिस्से को इंश्योरेंस कवर हासिल है। दरअसल, यह देश की कुल जीडीपी में कुल इंश्योरेंस प्रीमियम की हिस्सेदारी है। अमेरिका में इंश्योरेंस पेनेट्रेशन 11.7 फीसदी है। इंग्लैंड में यह 11.1 फीसदी है। दक्षिण अफ्रीका में यह 12.2 फीसदी है। इसका ग्लोबल एवरेज करीब 7 फीसदी है।
हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ने से लोग परेशान
कोविड की महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम काफी बढ़ा है। इसकी वजह मेडिकल केयर का हाई इनफ्लेशन है। इसका मतलब है कि इलाज पर आने वाला खर्च हर साल तेजी से बढ़ रहा है। हेल्थ इनफ्लेशन की रफ्तार रिटेल इनफ्लेशन के मुकाबले काफी ज्यादा है। हेल्थ इंश्योरेंस में आए उछाल से कई लोगों को अपनी पॉलिसी रिन्यू कराने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग प्रीमियम घटाने के लिए कवरेज में कमी करने का रिक्वेस्ट इंश्योरेंस कंपनियों से कर रहे हैं। अगर हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म होता है तो इससे लोगों को खासकर सीनियर सिटीजंस को बहुत राहत मिलेगी। सीनियर सिटीजंस की हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा होता है।