गुजरात के टॉरेंट ग्रुप की एनर्जी इकाई (टॉरेंट पावर) शेयरों के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिये 3,000-4,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने यह जानकारी दी है। प्रस्तावित QIP का मकसद अधिग्रहण के लिए कैश इकट्ठा करना और नए प्रोजेक्ट्स के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर, वर्किंग कैपिटल, कर्ज का भुगतान जैसी जरूरतों को पूरा करना है।
सूत्रों के मुताबिक, टॉरेंट पावर फंड जुटाने के लिए इनवेस्टमेंट बैंक कोटक महिंद्रा कैपिटल के साथ मिलकर काम कर रही है। साथ ही, वह इस सिलसिले में कई अन्य बैंकों से भी बातचीत कर रही है। इस QIP को इसी तिमाही में लॉन्च किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इस साल के शुरू में टॉरेंट पावर के शेयरहोल्डर्स ने 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्लान को मंजूरी दी थी।
टॉरेंट पावर ने हाल में हुई अपनी एन्युअल जनरल मीटिंग में शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी ग्रोथ के लिए विकल्पों की तलाश कर रही है। कंपनी का कहना था, ‘इसके अलावा, कंपनी के पावर जेनरेशन-डिस्ट्रिब्यूशन बिजनेस और मौजूदा प्रोजेक्ट्स के विस्तार के लिए वर्किंग कैपिटल और कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरत होती है। मुमकिन है कि कंपनी के ग्रोथ प्लान के लिए आंतरिक फंड पर्याप्त नहीं हो।
इस सिलसिले में टॉरेंट पावर को भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। टॉरेंट के पावर बिजनेस में कोयला और गैस आधारित पावर जेनरेशन, रिन्यूएबल एसेट्स, ट्रांसमिशन और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। टॉरेंट के पास 362 मेगावॉट की कोयला आधारित एसेट्स और 2,730 मेगावॉट के गैस आधारित पावर प्लांट्स हैं।
टॉरेंट के पास 1,688 मेगावॉट के सोलर प्रोजेक्ट्स हैं, जबकि 1,339 मेगावॉट के विंड एसेट्स हैं।