राइट रिसर्च के संस्थापक और फंड मैनेजर सोनम श्रीवास्तव ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि ब्याज दरों में कटौती और अर्निंग में रिकवरी को देखते हुए उन्हें बाजार में मौजूदा स्तरों से 5 फीसदी से ज्यादा के करेक्शन की उम्मीद नहीं है। यानी बाजार में की बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। तकनीकी रूप से, बाजार अपने 50-डे मूविंग एवरेज के आसपास मंडरा रहा है और 100-डे मूविंग एवरेज पर इसे सपोर्ट मिलने की संभावना है।
मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद बाजार स्थिर
उनका कहना है कि वैश्विक मंदी के खतरे, भू-राजनीतिक तनाव और आगामी अमेरिकी चुनावों से जुड़ी मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद बाजार स्थिर प्रतीत होता है। इक्विटी बाजार और म्यूचुअल फंड का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली सोनम त्यौहारी सीजन के मद्देनजर प्रीमियम सेगमेंट के शेयरों को लेकर बुलिश हैं।
FMCG सेक्टर के वैल्युएशन हाई
बाजार पर बात करते हुए सोनम ने कहा कि हाल के महीनों में FMCG सेक्टर में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। ऐसा मुख्य रूप से बढ़ती मंहगाई, कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुस्ती और प्रतिस्पर्धी दबाव जैसे कारकों के कारण हुआ है। FMCG सेक्टर के वैल्युएशन हाई है। हालांकि इस सेक्टर को त्यौहारी सीजन कुछ सपोर्ट मिल सकता है। मंहगाई के दबाव और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण उपभोक्ता मांग थोड़ी कम रह सकती है। ऐसे में वैल्यूएशन को लेकर सावधान रहने और इस सेक्टर पर चुनिंदा शेयरों पर दांव लगाने की सलाह होगी।
हालिया करेक्शन में अच्छे शेयरों में खरीदारी का मौका
सोनम का कहना है कि हाल ही में बाजार में आए करेक्शन ने निवेशकों को अंडर वैल्यूड (सस्ते में मिल रहे अच्छे शेयर ) शेयरों और सेक्टरों की पहचान करने के अवसर दिए हैं। हेल्थ केयर, कंज्यूमर स्टेपल और यूटिलिटी जैसे डिफेंसिव सेक्टर आर्थिक मंदी के दौरान स्थिरता प्रदान कर सकते हैं। त्यौहारी सीजन आने के साथ सोनम प्रीमियम सेगमेंट के शेयरों को लेकर बुलिश हैं। उनका कहना है कि इस समय अपने आंतरिक मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे वैल्यू स्टॉक और मजबूत क्षमता वाले ग्रोथ स्टॉक का पर फोकस करना चाहिए। डिविडेंट देने वाले शेयर नियमित आय प्रदान कर सकते हैं। हालांकि,किसी भी तरह के निवेश के पहले अच्छे रिसर्च की जरूरत होगी।
हुंडई IPO की सफलता दूसरी MNC कंपनियों की लिस्टिंग के लिए खोलेगी रास्ता
सोनम का कहना है कि हुंडई के आईपीओ की सफलता अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में लिस्टिंग के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। भारतीय बाजार का बढ़ता आकर्षण और आईपीओ के संभावित लाभ उनके निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, बाजार की स्थिति, रेग्युलेटरी वातावरण और कंपनी-विशिष्ट कारक जैसे फैक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।e
अच्छा रह सकता है अगला कैलेंडर वर्ष
अगले कैलेंडर वर्ष के आउटलुक पर बात करते हुए सोनम ने कहा कि अगले साल भी बाजार में सुधार की उम्मीद है। हालांकि कई कारक बाजार के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। अगर भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार ग्रोथ करती रहती है, कॉर्पोरेट आय में सुधार होता है, और निवेशक सेंटीमेंट अच्छा रहता है तो अगला कैलेंडर वर्ष अच्छा रह सकता है।
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