Stock market: शेयर बाजार में पिछले हफ्ते भी दबाव बना रहा। इस दौरान BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 156.61 अंक या 0.19 फीसदी नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 110.2 अंक या 0.44 फीसदी की गिरावट आई। भारतीय शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते कंपनियों के तिमाही नतीजों, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की एक्टिविटी से तय होगी। एनालिस्ट् ने यह राय जताते हुए कहा कि इस हफ्ते भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। यहां हमने उन अहम फैक्टर्स के बारे में बताया है, जो नए हफ्ते में बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
HDFC Bank के नतीजों का दिख सकता है असर
सोमवार को बाजार सबसे पहले एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के तिमाही नतीजों पर रिएक्ट करेगा। इन कंपनियों ने शुक्रवार और शनिवार को बाजार बंद होने के बाद सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में रिसर्च हेड, वेल्थ मैनेजमेंट, सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “हमें उम्मीद है कि मिक्स्ड ग्लोबल संकेतों और डोमेस्टिक ट्रिगर्स की कमी के कारण बाजारों में कंसोलिडेशन जारी रहेगा। हालांकि, तिमाही नतीजों के चलते स्टॉक-स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिल सकता है।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि शॉर्ट टू मीडियम टर्म के आधार पर गिरावट पर खरीदारी की रणनीति होगी। उन्होंने कहा कि फोकस लार्जकैप और स्टेपल, एग्रीकल्चर, एफएमसीजी, कंजप्शन, पावर, डिजिटल और इंफ्रा जैसे ग्रोथ एरिया पर होगा।
इन कंपनियों के आएंगे तिमाही नतीजे
सभी की निगाहें सितंबर तिमाही के अर्निंग सीजन पर होगी, क्योंकि 21 अक्टूबर से शुरू होने वाले हफ्ते में 400 से अधिक कंपनियां अपने नतीजे पेश करेंगी। इनमें आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, कोल इंडिया और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
एसीसी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बजाज हाउसिंग फाइनेंस, एमएंडएम फाइनेंशियल सर्विसेज, इंटरग्लोब एविएशन, वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम), जोमैटो, इंडस टावर्स, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, कोफोर्ज, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, टीवीएस मोटर कंपनी, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, यूनाइटेड स्पिरिट्स, कोलगेट पामोलिव, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस, वरुण बेवरेजेज, गोदरेज प्रॉपर्टीज, कर्नाटक बैंक, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, आईडीबीआई बैंक, पूनावाला फिनकॉर्प, टोरेंट फार्मा, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक जैसी कंपनियां भी इस हफ्ते तिमाही नतीजे जारी करने वाली हैं।
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा
ग्लोबल लेवल पर निवेशक संयुक्त राज्य अमेरिका से वीकली जॉब, नए घरों की बिक्री और ड्यूरेबल गुड्स के ऑर्डर के आंकड़ों पर फोकस करेंगे। वहीं, अक्टूबर में कई विकसित और विकासशील देशों से मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज के पीएमआई नंबर्स पर भी नजर रखी जाएगी। इसके अलावा, जापान में आम चुनाव भी आने वाले वीकेंड में 27 अक्टूबर को होंगे।
डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा
घरेलू मोर्चे पर बाजार की नजर 23 अक्टूबर को मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग मिनट्स पर रहेगी। 9 अक्टूबर को MPC ने ब्याज दरों को बरकरार रखने का फैसला किया था। हालांकि, कमेटी ने रुख को बदलकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया गया।
इसके अलावा, अक्टूबर के लिए HSBC मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI फ्लैश डेटा 24 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI अगस्त के 57.5 से घटकर 56.5 हो गया, जबकि सर्विस PMI सितंबर में 57.7 पर रहा, जो पिछले महीने 60.9 था। 18 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व भी अगले हफ्ते 25 अक्टूबर को जारी किया जाएगा।
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) द्वारा वैल्यूएशन संबंधी चिंताओं के कारण भारत में भारी बिकवाली देखी गई। अक्टूबर में अब तक का सबसे बड़ा मंथली आउटफ्लो देखने को मिला और FII चीन में पैसा शिफ्ट कर रहे हैं। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DII) से लगातार फंड फ्लो ने FII के बिकवाली की भरपाई की है।
अक्टूबर के सभी दिनों में FII नेट सेलर्स बने रहे। उन्होंने कैश सेगमेंट में 80,218 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि DII ने इसी अवधि में 74,176 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
ऑयल और कमोडिटीज
इक्विटी बाजारों को कच्चे तेल की कीमतों में करेक्शन से भी अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। भारत एक शुद्ध तेल आयातक देश है, इसलिए कोई भी गिरावट हमेशा देश के लिए फायदेमंद होती है। तेल की कीमतों के लिए इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स, सप्ताह के दौरान 7.57 फीसदी की गिरावट के साथ 73.06 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो सितंबर के पहले हफ्ते के बाद से सबसे बड़ी वीकली गिरावट है। मध्य पूर्व में जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बीच पिछले हफ्ते यह करीब 81 डॉलर प्रति बैरल पर था।
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले अनिश्चितता, चल रहे जियो-पॉलिटिकल टेंशन और प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज में कटौती के बीच सेफ-हैवन कीमती धातुओं की मांग मजबूत रही। कमोडिटी मार्केट 21 अक्टूबर से शुरू होने वाली आगामी IMF और वर्ल्ड बैंक की एनुअल मीटिंग पर फोकस करेंगे, वे वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। 22-24 अक्टूबर को रूस में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर भी नजर रहेगी।
कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी रिसर्च के एवीपी कायनात चैनवाला ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन पश्चिमी प्रतिबंधों का मुकाबला करने और नेशनल डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए एक नए क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट नेटवर्क का प्रस्ताव कर सकते हैं, जिसका मकसद अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करना है।
21 अक्टूबर से शुरू हो रहे सप्ताह में 9 नए IPO खुलने जा रहे हैं। इनमें से 4 मेनबोर्ड सेगमेंट के हैं। इसके अलावा पहले से ओपन एक IPO में नए सप्ताह में भी पैसे लगाने का मौका रहेगा। जहां तक शेयर बाजार में लिस्टिंग की बात है तो नए सप्ताह में 3 कंपनियों के शेयर अपनी शुरुआत करेंगे। इन कंपनियों हुंडई मोटर इंडिया भी शामिल है।
4,321 करोड़ रुपये का वारी एनर्जीज आईपीओ और दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स का 260 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू 21 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। गोदावरी बायोरिफाइनरीज का 555 करोड़ रुपये का IPO सब्सक्रिप्शन 23 अक्टूबर को शुरू होगा और एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर 25 अक्टूबर को अपना 5,430 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च करेगा।
एसएमई सेगमेंट में, पांच कंपनियां – प्रीमियम प्लास्ट, डेनिश पावर, यूनाइटेड हीट ट्रांसफर, ओबीएससी परफेक्शन और उषा फाइनेंशियल सर्विसेज – अगले हफ्ते अपने IPO लॉन्च करेंगी, जबकि फ्रेशरा एग्रो एक्सपोर्ट्स 21 अक्टूबर को अपना आईपीओ बंद करेगी। 22 अक्टूबर को मेनबोर्ड सेगमेंट में Hyundai Motor India के शेयर BSE, NSE पर लिस्ट होंगे। 23 अक्टूबर को Lakshya Powertech के शेयर NSE SME पर लिस्ट होंगे। 24 अक्टूबर को Freshara Agro Exports की लिस्टिंग NSE SME पर होगी।
टेक्निकल व्यू
निफ्टी 50 में 24500-24550 पर अहम सपोर्ट के साथ उतार-चढ़ाव की संभावना है, जो कुछ हद तक इसके 20-वीक EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से मेल खाता है। इसमें 25000-25200 अंक पर रेजिस्टेंस देखने को मिल सकता है। स्टेबिलिटी के लिए इंडेक्स को क्लोजिंग बेसिस पर अपने 20-वीक EMA सपोर्ट को बनाए रखने की जरूरत है।
इंडेक्स ने लगातार तीसरे हफ्ते अपने लोअर हाई-लोअर लो स्तर के फॉर्मेशन को जारी रखा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते में एक लॉन्ग बियरिश कैंडल के बाद पिछले दो हफ्तों में एक हाई वेव पैटर्न बना है, जो उतार-चढ़ाव के बीच कुछ उछाल की संभावना को दिखाता है।
कॉर्पोरेट एक्शन
आने वाले हफ्ते में होने वाली प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन इस प्रकार हैं:
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