वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का वित्तीय परिणाम लगातार छठी तिमाही में अनुमान के अनुरूप नहीं रहने की वजह से कई ब्रोकरों ने कंपनी के लिए अपने आय अनुमान घटा दिए हैं। कुछ ब्रोकरों ने इसके तेल-से-रसायन (ओ2सी) और रिटेल वर्टिकलों में सुस्ती का हवाला देते हुए कंपनी के शेयर भाव लक्ष्य घटाए हैं।
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों का कहना है, ‘ओ2सी को कमजोर सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) और रीजनल पेट्रोकेम मार्जिन दबाव से जूझना पड़ रहा है।
इस बीच, पिछली दर वृद्धि (रिलायंस जियो द्वारा) का लाभ पूरे वर्ष बरकरार रहेगा, जबकि दर वृद्धि का अन्य दौर अगले वर्ष संभावित है। हालांकि रिटेल समेकन से अल्पावधि वृद्धि कमजोर बनी रह सकती है।’ विश्लेषकों का मानना है कि इन चिंताओं के कारण शेयर का प्रदर्शन प्रभावित होगा।
दलाल पथ पर, आरआईएल का शेयर दिन के कारोबार में 2.3 प्रतिशत गिरकर बीएसई (BSE) पर 2,681.25 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया था और आखिर में 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,689 रुपये पर बंद हुआ। सेंसेक्स 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।
आरआईएल का शेयर 27 सितंबर को बनाए गए अपने 3,052.4 रुपये के ऊंचे स्तर (बंद भाव के आधार पर) से 12 प्रतिशत टूट चुका है। तुलनात्मक तौर पर बीएसई का सेंसेक्स इस अवधि के दौरान 4.4 प्रतिशत नीचे आया है।
आरआईएल ने सोमवार को दूसरी तिमाही के नतीजे पेश किए। कंपनी का एबिटा एक साल पहले की तुलना में 4.7 प्रतिशत घट गया। ओ2सी और दूरसंचार वर्टिकल भी उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए।
समेकित शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत घटकर 16,563 करोड़ रुपये पर रहा, जो विश्लेषकों द्वारा जताए गए 17,200 करोड़ रुपये के अनुमान से कम है। समेकित राजस्व 2.31 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2.34 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है।
ब्लूमबर्ग के विश्लेषण के अनुसार, आरआईएल के शुद्ध लाभ में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट देखी गई है। ओ2सी वर्टिकल का समेकित राजस्व सालाना आधार पर 5.1 प्रतिशत बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये रहा। इस वर्टिकल का कंपनी के कुल राजस्व में आधे से ज्यादा योगदान है। परिवहन ईंधन और पेट्रोकेमिकल्स के लिए तिमाही-दर-तिमाही कमजोर और मौन प्रसार के कारण खंडीय एबिटा में 5 प्रतिशत की गिरावट आई। सालाना आधार पर एबिटा 24 प्रतिशत घट गया, जो वित्त वर्ष 2023 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘पिछले कुछ महीनों में रिफाइनिंग व्यवसाय के लिए मांग परिदृश्य में कमजोरी आई है, साथ ही पेट्रोकेमिकल मार्जिन पर भी दबाव पड़ा है। कुल मिलाकर अगले 12-18 महीनों के लिए समग्र ओ2सी परिदृश्य सुस्त बना हुआ है।’
आरआईएल की दूरसंचार एवं डिजिटल कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स के राजस्व में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन रिलायंस रिटेल का परिचालन से राजस्व सालाना आधार पर 3.5 प्रतिशत घट गया।