हुंडई मोटर इंडिया का 27,870.16 करोड़ रुपये का IPO 15 अक्टूबर से खुल गया। यह देश में अब तक का सबसे बड़ा IPO है। इससे पहले यह खिताब एलआईसी के नाम था, जिसका 21008.48 करोड़ रुपये का IPO साल 2022 में आया था। बड़े और धड़ाधड़ आ रहे IPO को देखते हुए कैपिटलमाइंड के हेड ऑफ रिसर्च अनूप विजयकुमार ने एक दिलचस्प आंकड़ा जारी किया है। उन्होंने ऐसे बड़े IPO के बारे में बताया है, जो सफल नहीं रहे।
विजयकुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “साइज के हिसाब से टॉप 30 IPO में से 19 बहुत अच्छा रिटर्न देने में नाकाम रहे हैं। टॉप 10 सबसे बड़े IPO में से केवल 2 ही CNX500 को पीछे छोड़ पाए हैं।” CNX500 या Nifty500 एक ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स है, जो NSE पर लिस्टेड टॉप 500 कंपनियों से बना है।
विजयकुमार की ओर से शेयर किए गए डेटा के मुताबिक, एलआईसी के मई 2022 में आए 21008.48 करोड़ रुपये के आईपीओ का ऑफर प्राइस 949 रुपये था, जबकि इसके शेयर का भाव वर्तमान में 947.65 रुपये है। यानि कि प्राइस रिटर्न टू डेट 0 प्रतिशत। इसी तरह नवंबर 2021 में पेटीएम के आए 18300 करोड़ रुपये के आईपीओ का ऑफर प्राइस 2150 रुपये था और बीएसई पर शेयर की वर्तमान कीमत 729.60 रुपये है। इस बेसिस पर प्राइस रिटर्न टू डेट हुआ -66 प्रतिशत।
अप्रैल 2010 में कोल इंडिया का 15475 करोड़ रुपये का आईपीओ आया था। इसके लिए ऑफर प्राइस 245 रुपये था। वर्तमान में शेयर की कीमत 494.50 रुपये है और इस बेसिस पर इस आईपीओ का प्राइस रिटर्न टू डेट 101 प्रतिशत होता है।
एक साल में शेयर बिक्री में बंपर उछाल
विजयकुमार ने यह भी बताया कि आईपीओ के जरिए और अन्य माध्यमों से शेयर बिक्री में 2023 से काफी उछाल आया है। जनवरी 2023 से अब तक लगभग 600 शेयर सेल्स देखने को मिली हैं, जबकि साल 2024 में अब तक 335 शेयर सेल्स हुई हैं। इसका मतलब है कि 5 लाख करोड़ से अधिक की राशि जुटाई गई है, जिसमें से 22 प्रतिशत राशि नई लिस्टिंग के लिए है। बाकी राशि मौजूदा कंपनियों की ओर से अतिरिक्त शेयर बिक्री से जुड़ी है।