SpiceJet News: विमान नियामक संस्था डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने स्पाइसजेट को बड़ी राहत दी है। सस्ती हवाई सेवाएं मुहैया कराने वाली स्पाइसजेट को डीजीसीए पर अपनी बढ़ी हुई निगरानी हटा ली है। यह फैसला एक महीने के भीतर कई निरीक्षणों के बाद लिया गया है। डीजीसीए ने स्पाइसजेट को 13 सितंबर 2024 को हाई लेवल की निगरानी के तहत रखा था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि यह वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही थी जिससे विमानों के रखरखाव का जरूरी काम प्रभावित हो सकता था। डीजीसीए ने यह कार्रवाई 7 और 8 अगस्त, 2024 को किए गए विशेष ऑडिट के बाद की थी। इस ऑडिट में एयरलाइन की इंजीनियरिंग फैसिलिटीज में कुछ कमियों का खुलासा हुआ था।
266 स्पॉट की चेकिंग के बाद SpiceJet को मिली राहत
डीजीसीए ने कहा कि हाई लेवल की निगरानी के दौरान अलग-अलग स्थानों पर कुल 266 स्पॉट चेक किए गए। उसमें यह सामने आया कि जिन कमियों की पहचान की गई थी, विमानन कंपनी ने उसका कायदे से समाधान किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए और कंपनी में अतिरिक्त पैसों के आने के चलते स्पाइसजेट को हाई लेवल की निगरानी व्यवस्था से हटा दिया है। हालांकि डीजीसीए ने यह भी कहा कि इसके बेड़े सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए रैंडम स्पॉट चेक जारी रहेंगे।
स्पाइसजेट ने कितना जुटाया है पैसा?
हाई लेवल की निगरानी व्यवस्था में आने के बाद से स्पाइसजेट ने क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स को शेयरों की बिक्री के जरिए ₹3,000 करोड़ जुटाए हैं। इससे वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही एयरलाइन को बहुत बड़ी मदद मिली। इस QIP इश्यू में सोसाइटी जनरल-ओडीआई, गोल्डमैन सैक्स (सिंगापुर)-ओडीआई, डिस्कवरी ग्लोबल अपॉर्च्यूनिटी (मॉरीशस), ऑथम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट, और ट्रू कैपिटल जैसे विदेशी निवेशकों ने पैसे लगाए। इन पैसों का इस्तेमाल स्पाइसजेट इस राशि का उपयोग अपनी देनदारियों को हल्का करने, लीजधारकों के साथ रीस्ट्रक्चर, और बंद पड़े विमानों को फिर से उड़ाने और नए विमानों को जोड़कर अपने बेड़े का विस्तार करने में करेगी।