नई दिल्ली: हुंडई इंडिया के आईपीओ को निवेशकों की बेहद ठंडी प्रतिक्रिया मिली है। देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने मंगलवार को अपना आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लॉन्च किया। यह आईपीओ 27,870 करोड़ रुपये का है। हालांकि, पहले दिन निवेशकों का उत्साह फीका रहा। यह केवल 18% ही सब्सक्राइब हो पाया।
कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। आईपीओ में एक लॉट में 7 शेयर के लिए बोली लगाई जा सकती है। यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) है। इसमें हुंडई इंडिया की पैरेंट कंपनी हुंडई मोटर ग्लोबल अपने 14.2 करोड़ शेयर बेच रही है।
यानी आईपीओ के जरिए जुटाई गई पूरी रकम पैरेंट कंपनी के पास जाएगी। हालांकि, प्रबंधन का कहना है कि इस रकम का इस्तेमाल अनुसंधान और विकास और नए इनोवेटिव उत्पादों के लिए किया जाएगा।
IPO में किसने कितनी दिखाई दिलचस्पी?
रिटेल निवेशकों ने आईपीओ में सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। उनके हिस्से के शेयर 26% सब्सक्राइब हुए। गैर-संस्थागत निवेशकों का हिस्सा 13% सब्सक्राइब हुआ। वहीं, योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) ने अपने लिए आरक्षित शेयरों में केवल 5% की ही बोली लगाई।
अनलिस्टेड मार्केट में आईपीओ खुलने से पहले कंपनी के शेयर 25 रुपये के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे, जो आईपीओ के प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर से लगभग 1.3% अधिक है।
क्या है विश्लेषकों की राय?
ज्यादातर विश्लेषकों ने निवेशकों को लंबी अवधि के लिए आईपीओ में निवेश करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि भारत में कंपनी की ब्रांड उपस्थिति मजबूत है। यह पैसेंजर कार बाजार में बढ़ोतरी के अवसरों का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने कहा, ‘हम हुंडई को सब्सक्राइब रेटिंग देते हैं क्योंकि उद्योग में अनुकूल परिस्थितियों, मजबूत वित्तीय स्थिति और मजबूत एसयूवी उत्पाद श्रृंखला के बीच इसकी ग्रोथ की संभावनाएं स्थिर हैं। हमें इस आईपीओ से लिस्टिंग पर सीमित लाभ की उम्मीद है। हालांकि, उम्मीद है कि कंपनी मध्यम से लंबी अवधि में अपने पोर्टफोलियो पर अच्छा डबल डिजिट रिटर्न देगी।’
आनंद राठी ने कहा, ‘अगर हम ऊपरी प्राइस बैंड को देखें तो कंपनी का मूल्य उसके वित्त वर्ष 2024 की कमाई का 26.2 गुना है। अगर हम वित्त वर्ष 2025 की कमाई को सालाना आधार पर देखें तो यह 26.7 गुना है। हमारा मानना है कि आईपीओ की पूरी कीमत वसूल की गई है और हम इसे सब्सक्राइब – लॉन्ग टर्म रेटिंग देते हैं।’
कैसा है कंपनी का भारत में परफॉरमेंस?
हुंडई भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है। इसके पास सेडान, हैचबैक और एसयूवी में 13 पैसेंजर वाहन मॉडल का पोर्टफोलियो है। कंपनी एशिया में हुंडई मोटर के सबसे बड़े उत्पादन केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए अपनी मजबूत स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं का लाभ उठाने का लक्ष्य रखती है।
यह चेन्नई में दो उत्पादन संयंत्रों का संचालन करती है, जिनकी संयुक्त स्थापित क्षमता प्रति वर्ष 8.24 लाख यूनिट है। वर्तमान में 90% से अधिक क्षमता उपयोग के साथ चल रही है।
जून 2024 को समाप्त तिमाही के लिए हुंडई मोटर इंडिया ने 17,344 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया। यह पिछले साल की समान अवधि में 16,624 करोड़ रुपये था। कुल राजस्व में घरेलू बाजार से 76% का योगदान था, जबकि निर्यात का हिस्सा 24% था।
तिमाही के लिए कंपनी का शुद्ध लाभ 1,489.65 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1,329.19 करोड़ रुपये था।
इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल, एचएसबीसी सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन और मॉर्गन स्टेनली हैं। जबकि केफिन टेक्नोलॉजीज इस ऑफर की रजिस्ट्रार है।