कहते हैं कि नाम में क्या रखा है? एक गुलाब के फूल को आप किसी भी नाम से बुलाए, उससे उसकी खुशबू नहीं बदल जाएगी। लेकिन एक कंपनी के मामले में आप ऐसे नहीं कह सकते। एक गलत नाम या क्लासिफिकेशन कंपनी की पूरी बैलेंस-शीट को बदल सकती है। हाल ही में रॉयल आर्किड होटल्स (Royal Orchid Hotels) के मामले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। अब SEBI ने इस मामले में कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं-
SEBI ने हाल ही में Royal Orchid Hotels और इसके प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स पर जुर्माना लगाया। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने सब्सिडियरी कंपनी “क्षीर सागर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (KSDPL)” को गलत तरीके से ‘एसोसिएट कंपनी’ के रूप में क्लासिफाई किया। इस गलत क्लासिफिकेशन के चलते वित्त वर्ष 2022 में कंपनी के मुनाफे में बड़ा उछाल आया और यह करीब 638% यानी 7 गुना बढ़ गया।
SEBI का कहना है कि अगर क्षीर सागर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को पहले की तरह की सब्सिडियरी कंपनी के रूप में दिखाया गया होता, तो Royal Orchid का मुनाफा महज 3.62 करोड़ रुपये होता। लेकिन इसे एसोसिएट कंपनी के रूप में क्लासिफाई करके Royal Orchid ने अपना मुनाफा ₹26.78 करोड़ दिखाया। यानी मूल मुनाफे से करीब 23.15 करोड़ रुपये अधिक।
अब सवाल यह है कि आखिर यह क्लासिफिकेशन कैसे काम करता है? एक ‘सब्सिडियरी कंपनी’ वह होती है, जहां उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर उसकी होल्डिंग कंपनी का कंट्रोल होता है या कंपनी के शेयर कैपिटल का 50% से अधिक हिस्सा उसके पास होता है। वहीं वहीं, एक ‘एसोसिएट कंपनी’ में होल्डिंग कंपनी सिर्फ एक महत्वपूर्ण लेकिन अल्पसंख्यक हिस्सेदारी रखती है। इसके अलावा होल्डिंग कंपनी के कंसॉलि़टेडेड वित्तीय आंकड़े में सब्सिडियरी कंपनी के आंकड़े शामिल होते हैं, लेकिन एसोसिएट कंपनी के आंकड़े शामिल नहीं होते हैं।
SEBI ने कहा कि क्षीर सागर कंपनी जो है, वो Royal Orchid और Tambi Group के बीच जॉइंट ओनरशिप में है। ये कंपनी 6 सालों से घाटे में थी। इसके चलते वित्त वर्ष 2021 में रॉयल आर्किड ने 40 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड घाटा दर्ज किया था। लेकिन FY22 में, Royal Orchid ने क्षीर सागर को ‘एसोसिएट कंपनी’ घोषित कर दिया। एसोसिएट घोषित होते ही Royal Orchid ने क्षीर सागर के सारे सारे नुकसान को अपनी बैलेंस शीट से हटा दिया। इससे कंपनी को 23.26 करोड़ रुपये का ‘री-मेजरमेंट लाभ’ मिला और इसी के आधार पर इसने अपना शुद्ध मुनाफा 26.78 करोड़ रुपये दिखाया।
Royal Orchid ने मार्च 2022 में स्टॉक एक्सचेंज को एक नोटिस भेजा था। नोटिस में बताया गया क्षीर सागर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में अब Royal Orchid का बहुमत खत्म हो गया है। इसलिए अब क्षीर सागर उसकी सब्सिडियरी कंपनी नहीं रह गई है। उसने कहा कि क्षीर सागर के बोर्ड में 5 डायरेक्टर थे, जिनमें से तीन Royal Orchid के और दो Tambi Group के थे। लेकिन जब दो इंडिपेंडेंट डायरेक्ट हुए, तो बोर्ड में कुल डायरेक्टरों की संख्या 7 हो गई और Royal Orchid का बहुमत समाप्त हो गया।
हालांकि SEBI ने जांच ने जांच पाया कि क्षीर सागर के बोर्ड पर अभी भी रॉयल आर्किड का कंट्रोल बना हुआ है। साथ ही समझौते के मुताबिक, क्षीर सागर के बोर्ड का चेयरमैन भी हमेशा रॉयल आर्किड का ही होगा और बोर्ड में मतभेद की स्थिति में उसका वोट अंतिम होगा। ऐसे में सेबी ने क्षीर सागर को फिर से कंपनी का सब्सिडियरी घोषित कर दिया।
SEBI ने कहा कि Royal Orchid ने वित्त वर्ष 2022 के लिए गलत तरीके से फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पेश किए और मुनाफे को 23.15 करोड़ रुपये से बढ़ा दिया। रेगुलेटर ने इसे ‘हेडलाइन मिसस्टेटमेंट’ बताया और कहा कि ये आंकड़े निवेशकों के लिए भ्रम पैदा कर रहे थे, और इसी कारण SEBI ने कंपनी पर कार्रवाई की है।
ये था Royal Orchid Hotels का पूरा मामला। आज के इस खास वीडियो में बस इतना ही। आपको यह जानकारी कैसे लगी हमें कमेंट कर जरूर बताइगा। बिजनेस और स्टॉक मार्केट से जुड़ी ऐसी ही खबरों के लिए आप हमारी मनीकंट्रोल हिंदी की वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमें यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स यानी ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। थैंक्यू।