सितंबर तिमाही के दौरान अडानी ग्रुप के शेयरों को लेकर रिटेल निवेशकों का उत्साह कम रहा। इस तिमाही में रिटेल निवेशकों ने अडानी ग्रुप के अधिकांश शेयरों में हिस्सेदारी कम कर दी। ग्रुप की कंपनियों में रिटेल निवेशकों ने सबसे ज्यादा अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों की बिक्री की। इस अवधि में रिटेल ऑनरशिप 24.1% से गिरकर 22.5% पर आ गई। वहीं
राजीव जैन के नेतृत्व वाली बुटीक निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स ने कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाकर 4.21% कर ली, जो पिछली तिमाही में 4.16% थी। तिमाही के अंत में जीवन बीमा निगम (LIC) के पास अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.36% हिस्सेदारी थी।
अडानी पोर्ट्स में कितनी कम हुई हिस्सेदारी
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में खुदरा हिस्सेदारी 6.4% से गिरकर 5.6% हो गई। कंपनी में जीक्यूजी पार्टनर्स की हिस्सेदारी 4.12% जबकि LIC की हिस्सेदारी 7.86% थी। अडानी एंटरप्राइजेज सॉल्यूशंस में भी खुदरा होल्डिंग्स में मामूली कमी देखी गई, जो कि 0.1% कम होकर 7.4% पर आ गई। तिमाही के दौरान कंपनी में जीक्यूजी पार्टनर्स की हिस्सेदारी 3.4% से बढ़कर 3.52% हो गई।
इन कंपनियों में भी कम हुई हिस्सेदारी
अडानी पावर में खुदरा हिस्सेदारी 11.1% से घटकर 10.8% हो गई। रिटेल निवेशकों ने अंबुजा सीमेंट्स, अडानी विल्मर, अडानी टोटल गैस सहित समूह की अन्य कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी 0.1% से 0.3% के बीच कम कर दी। अंबुजा सीमेंट्स में एलआईसी की हिस्सेदारी 5.07% थी। वहीं, अडानी टोटल गैस में एलआईसी की हिस्सेदारी 6.02% थी।
इस बीच, खुदरा निवेशकों ने एसीसी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 13.2% और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 6% कर दी। सितंबर तिमाही के अंत तक एनडीटीवी और सांघी इंडस्ट्रीज में खुदरा हिस्सेदारी क्रमशः 35.2% और 24.5% पर अपरिवर्तित रही। कुल मिलाकर खुदरा निवेशकों ने सितंबर तिमाही के दौरान ग्रुप के 11 शेयरों में से सात में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी। बता दें कि सितंबर 2024 तिमाही के दौरान समूह के शेयरों का परफॉर्मेंस सुस्त रहा।