Hyundai Motor IPO: हुंडई मोटर इंडिया भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ लाने जा रही है। यह पब्लिक इश्यू 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। कंपनी का इरादा आईपीओ के जरिए 27870 करोड़ रुपये जुटाने का है। इश्यू के लिए प्रति शेयर 1865-1960 रुपये का प्राइस बैंड रखा गया है। इस बीच, आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बता दें कि एंकर निवेशकों के लिए यह आईपीओ 14 अक्टूबर को खुलेगा।
ग्रे मार्केट में लगातार घट रहा Hyundai Motor IPO का क्रेज
ग्रे मार्केट में हुंडई मोटर इंडिया के प्रीमियम में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। एक समय पर यह पब्लिक इश्यू अनलिस्टेड मार्केट में 570 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, आज 13 अक्टूबर तक यह घटकर महज 60 रुपये पर आ गया है।
बता दें कि यह गिरावट 15 दिनों में देखने को मिली है। मौजूदा प्रीमियम के मुताबिक कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 2020 रुपये के भाव पर होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो निवेशकों को महज 3.06 फीसदी का मुनाफा होगा। हालांकि, ध्यान रहे कि ग्रे मार्केट महज संकेत है और इसकी स्थिति लगातार बदलती रहती है।
Hyundai India IPO के बारे में
हुंडई मोटर के आईपीओ में 7 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 186 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। एंकर निवेशकों के लिए 8,315.28 करोड़ रुपये के शेयर रिजर्व हैं। इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 18 अक्टूबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 22 अक्टूबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है।
इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 14,21,94,700 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत जारी होंगे और ये शेयर इसकी पैरैंट कंपनी बेचेगी। ये शेयर कंपनी की 17.5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं। चूंकि यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है तो इस इश्यू का कोई भी पैसा हुंडई मोटर इंडिया को नहीं बल्कि शेयर बेचने वाली पैरेंट कंपनी को मिलेगा।
Hyundai Motor India के सीओओ को दिख रही अच्छी ग्रोथ
हुंडई मोटर इंडिया ने भारत में 1996 में कारोबार शुरू किया था और यह कई सेगमेंट में 13 कार मॉडल की बिक्री करती है। अब यह लिस्ट होने जा रही है और 2003 में मारुति सुजुकी की लिस्टिंग के बाद से यह पहली बार है, जब देश में कोई कार कंपनी लिस्ट होने जा रही है। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) तरुण गर्ग को इसके ग्रोथ की अच्छी गुंजाइश दिख रही है। बुधवार की सुबह उन्होंने कहा था कि विदेशी कंपनियों की हुंडई इंडिया जैसी भारतीय इकाईयों की वैल्यू आमतौर पर अधिक होती है क्योंकि यहां खपत और ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत होती हैं।
हुंडई मोटर इंडिया का P/E रेश्यो 27x है जबकि इसकी पैरेंट कंपनी हुंडई मोटर कंपनी का 5x है। वित्तीय मोर्चे पर बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसे 28.7 फीसदी अधिक 6060 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। इस दौरार रेवेन्यू भी 15.8 फीसदी उछलकर 69,829 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। Aequitas Investments के एक नोट के मुताबिक हुंडई मोटर इंडिया की पैरेंट कंपनी के वैश्विक रेवेन्यू में महज 6.5 फीसदी और मुनाफे में 8 फीसदी ही हिस्सेदारी है लेकिन लिस्टिंग के बाद पैरेंट कंपनी के मार्केट कैप में इसकी हिस्सेदारी करीब 42 फीसदी होगी।
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