पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये कंपनियों ने इस साल रिकॉर्ड पूंजी जुटाई है। इसे मुख्य तौर पर अनुकूल मूल्यांकन और प्रमुख कंपनियों द्वारा शुरू की गई बड़ी परियोजनाओं के कारण नकदी प्रवाह से बल मिला।
क्यूआईपी के तहत कंपनियां आम तौर पर निवेशकों के चुनिंदा समूह को मौजूदा बाजार भाव से कम कीमत पर नए शेयर जारी कर पूंजी जुटाती हैं। बाजार में तेजी के समय पूंजी जुटाने का यह पसंदीदा जरिया है क्योंकि इसमें समय और खर्च कम लगता है।
इस साल अभी तक 71 कंपनियां इसके जरिये रिकॉर्ड 88,678 करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं। शेयर बाजार में तेजी और विदेशी निवेशकों के साथ ही घरेलू निवेशकों के मजबूत प्रवाह से तमाम कंपनियों के शेयर का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। ऊंचा मूल्यांकन होने से कंपनियों को कम शेयर जारी कर ज्यादा पूंजी जुटाने में मदद मिली है।
पेंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स में प्रबंध निदेशक महावीर लुणावत ने कहा, ‘राइट्स निर्गम और एफपीओ दोनों लंबी चलने वाली प्रक्रियाएं हैं और इसमें खुदरा निवेशकों की भागीदारी पर निर्भर रहना पड़ता है। क्यूआईपी में केवल संस्थागत निवेशक हिस्सा लेते हैं और यह काफी कम समय में पूरा हो जाता है।’
इस साल शेयर बाजार में व्यापक तेजी ने अतिरिक्त नई प्रतिभूतियों में निवेश करने की निवेशकों की क्षमता की चिंता को कम कर दिया है और पूंजी जुटाने वाली कंपनियों का हौसला बढ़ाया है।
प्राइम डेटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, ‘क्यूआईपी बाजार में तेजी के समय का उत्पाद है। जब भी बाजार में तेजी आती है कंपनियां ऊंचे मूल्यांकन पर नए शेयर जारी करने के लिए क्यूआईपी लेकर आती हैं।’
पिछले साल क्यूआईपी के जरिये पूंजी जुटाने में बैंकों का वर्चस्व था लेकिन इस साल वाहन से लेकर टेक्सटाइल हर क्षेत्र की कंपनियां इसके माध्यम से पूंजी जुटा रही हैं। सबसे ज्यादा 15,653 करोड़ रुपये बिजली उत्पादक कंपनियों द्वारा जुटाए गए हैं। इसके बाद हाउसिंग एवं रियल एस्टेट फर्मों ने क्यूआईपी के जरिये 12,446 करोड़ रुपये जुटाए हैं। चार बैंकों ने 12,100 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई हैं, जिनमें से तीन सरकारी बैंक हैं।
हल्दिया ने कहा, ‘बैंकों और वित्तीय सेवा कंपनियां ज्यादा क्यूआईपी इसलिए भी जारी करती हैं क्योंकि उन्हें उधारी मांग को पूरा करने के लिए ताजा पूंजी की जरूरत होती है। आम तौर पर बुनियादी ढांचा, रियल एस्टेट और ऊर्जा जैसे ज्यादा पूंजी की दरकार वाले क्षेत्र पूंजी जुटाने के लिए क्यूआईपी का उपयोग करते हैं।’
इस साल वेदांत ने क्यूआईपी से सबसे ज्यादा 8,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने 8,373 करोड़ रुपये और संवर्द्धन मदरसन इटरनैशनल ने 6,438 करोड़ रुपये जुटाए हैं। हाल ही में अदाणी एंटरप्राइजेज ने क्यूआईपी से 4,200 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई है।