परिसंपत्ति व शेयर अधिग्रहण वाले इस सौदे से सुदर्शन केमिकल को अपने प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और उसकी पहुंच ह्यूबेक की तकनीकी क्षमता के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका में मजबूत उपस्थिति हो जाएगी।
विलय के बाद बनने वाली इकाई के पास व्यापक पिगमेंट पोर्टफोलियो, 19 ग्लोबल साइट और विशाखित परिसंपत्तियां होंगी। साल 2022 में ह्यूबेक क्लेरिएंट के साथ विलय के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पिगमेंट कंपनी बन गई थी। हालांकि समूह पिछले दो साल से बढ़ती लागत, इन्वेंट्री के मसले और ऊंची ब्याज दरों के चलते वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।
सुदर्शन केमिकल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ह्यूबेक के अधिग्रहण से इन चुनौतियों को दूर करने में मदद मिलेगी। सुदर्शन केमिकल के प्रबंध निदेशक राजेश राठी संयुक्त कंपनी की अगुआई करेंगे। इस सौदे के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य न्यायाधिकार क्षेत्र में दूसरे प्राधिकरणों से मंजूरी की दरकार होगी। यह सौदा नियामकों और सुदर्शन केमिकल के शेयरधारकों की मंजूरी के बाद 3-4 महीने में पूरा होने की उम्मीद है।
इस साल अभी तक सुदर्शन केमिकल का शेयर दोगुना से ज्यादा हो चुका है। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 335 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया जबकि राजस्व 2,141 करोड़ रुपये रहा। जून 2024 में समाप्त तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 41 करोड़ रुपये और राजस्व 580 करोड़ रुपये रहा। इस बीच, 2023 में ह्यूबेक समूह का समयुक्त टर्नओवर 87.9 करोड़ यूरो रहा जो पहले 106.9 करोड़ यूरो रहा था।