बस, नाम ही काफी है, टाटा समूह के लिए ये लाइने बिल्कुल फिट बैठती है। नमक से लेकर चाय तक। स्टील से लेकर सॉफ्टवेयर तक, कपड़े से लेकर गहने तक…जिस किसी चीज पर टाटा की मुहर लगी, उस पर भरोसा बढ़ गया है। टाटा समूह की साख ऐसी रही है कि इसने जिस बिजनेस में भी कदम रखा उसे सफलता के नए मुकाम पर पहुंचा दिया। टाटा समूह के विस्तार में रतन टाटा के विजन का सबसे बड़ा योगदान रहा। उनकी लीडरशिप में टाटा समूह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। आज टाटा के पास हर बिजनेस में एक से बढ़कर एक रतन और टाइटंस हैं। यहां हम टाटा समूह के उन रत्नों की बात कर रहे हैं जिन्होंने रतन टाटा की लीडरशिप में नई ऊंचाइयां छुई हैं। इस चर्चा में भाग लेने के लिए सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़े जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ( Geojit Financial Services) के गौरांग शाह और मार्केटस्मिथइंडिया (Marketsmithindia) के हेड इक्विटी रिसर्च मयूरेश जोशी।
रतन टाटा की लीडरशिप : टाटा मोटर्स
रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा मोटर्स ने 1998 में पहली भारतीय कार इंडिका लॉन्च की थी। 2008 में जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण किया गया। फोर्ड मोटर से जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण किया गया था। जगुआर-लैंड रोवर ब्रिटिश लग्जरी ऑटो ब्रांड है। 2009 में नैनो की लॉन्चिंग की गई। रतन टाटा की रखी नींव पर आज टाटा मोटर्स चमक रहा है। इसका 3.4 लाख करोड़ का मार्केट कैप। ये दुनिया की बड़ी ऑटो निर्माता कंपनी है। 125 देशों में मौजूदगी इसकी मौजूदगी है। कंपनी के 25 मैन्युफैक्चरिग प्लांट और 9 R&D साइट हैं। टाटा मोटर्स भारत की नंबर 1 CV प्लेयर है। यह भारत की नंबर 1 EV प्लेयर है। वहीं, भारत की नंबर 3 PV प्लेयर है।
रतन टाटा की लीडरशिप : टाटा स्टील
रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा स्टील ने UK की कोरस ग्रुप को 12 अरब डॉलर में खरीदा। कंपनी देश के पिछड़े इलाकों में माइनिंग के लिए जानी जाती है। टाटा स्टील आज दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक है। इसकी सालाना 35 MTPA स्टील प्रोडक्शन क्षमता है। साथ ही भारत, नीदरलैंड, UK, थाईलैंड में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं।
रतन टाटा की लीडरशिप : TCS
रतन टाटा की लीडरशिप में TCS 2004 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई। 2004 में ये प्राइवेट कंपनियों में सबसे बड़ा IPO था। कंपनी ने इश्यू से 1 अरब डॉलर जुटाए थे। आज TCS बुलंदियों पर हैं । यह देश की नंबर वन IT कंपनी है। मार्केट कैप के लिहाज से दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। टीसीएस टाटा समूह की कैश मशीन मानी जाती है। इसका मार्केट कैप 15.5 लाख करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 2.4 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस अवधि में कंपनी का मुनाफा 46,000 करोड़ रुपए से ज्यादा था।
रतन टाटा की लीडरशिप: TITAN
टाइटन की शुरुआत सिर्फ एक प्रोडक्ट घड़ी बनाने से हुई थी। कंपनी ज्लेवरी समेत कई सेगमेंट में कारोबार कर रही है। इस स्टॉक ने जोरदार वैल्यू क्रिएशन किया है। टाइन इस समय आईवियर, घड़ी, वियरेबल्स, फ्रेगरेंस, फैशन जैसे सेगेमेंट में कारोबार कर रही है।टाइटन वॉचेज से टाइटन कंपनी में इसका ट्रांसफॉर्मेशन हो गया है। यह देश की अव्वल लाइफस्टाइल कंपनी बन गई है। कंपनी के पास 16 ब्रांड हैं। इसका मार्केट कैप 3 लाख करोड़ के पार चला गया है।
रतन टाटा की लीडरशिप : टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स टेटली का अधिग्रहण
रतन टाटा की लीडरशिप में ही टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने टेटली का अधिग्रहण किया। 2000 तक कंपनी चाय कारोबार में युनिलीवर से पीछे थी। 2000 में UK की टेटली को $43.1 करोड़ में खरीदा। कंपनी ने अपने से तीन गुना बड़ी टेटली का अधिग्रहण किया था। 2000 में टेटली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चाय कंपनी थी। टेटली को खरीदकर टाटा कंज्यूमर ग्लोबल बाजारों में उतरी। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स आज देश की बड़ी इंटीग्रेटेड F&B कंपनी है। कंपनी चाय, कॉफी, नमक, दाल, मसाले जैसे प्रोडक्ट बेचती है। ये ब्रांडेड चाय में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी। इसका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए के पार है।
टाटा का अगला रतन है TRENT जो Westside के सिंगल फॉर्मेट से मल्टीपल कैटेगरी प्लेयर बन गई है। ट्रेंट के पास आज Westside, Zudio, Star, Samoh, Utsa, Misbu जैसे ब्रांड हैं। कंपनी फैशन और लाइफस्टाइल में भी है। ये ग्रॉसरी,ब्यूटी पर्सनल केयर और फैशन प्रोडक्ट का भी कारोबार करती है। ट्रेंट ने इंडस्ट्री में जोरदार रेवेन्यू, EBITDA और मुनाफा दर्ज किया है।
FY19-24 के दौरान इसकी सालाना रेवेन्यू ग्रोथ 36 फीसदी रही। इसकी सालाना कमाई 12,000 करोड़ रुपए और सालाना मुनाफा करीब 1,500 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसका मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपए है।