Share Transfer Rule: बाजार नियामक सेबी ने डीमैट खाते में खटाखट शेयर ट्रांसफर से जुड़े नियमों को लागू करने की डेडलाइन आगे खिसका दी है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के मुताबिक अब शेयरों को सीधे क्लाइंट के खाते में भेजने का अनिवार्य सिस्टम 11 नवंबर से प्रभावी होगा। पहले इसे 14 अक्टूबर को लागू होना था लेकिन अब यह अगले महीने 11 नवंबर से लागू होगा। इससे जुड़ा ऐलान सेबी ने जून में किया था और अक्टूबर में लागू होना था। सेबी ने जो सर्कुलर जारी किया है, उसमें इसकी वजह भी बताई गई है कि टाइमलाइन को आगे क्यों खिसकाया गया है।
SEBI ने टाइमलाइन क्यों खिसकाई आगे?
सेबी ने 10 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी किया। इसमें सेबी ने कहा कि क्लाइंट के खाते में शेयर सीधे ट्रांसफर करने के मामले में मानकों को सीसी (क्लियरिंग कॉरपोरेशन) की तरफ से 5 अगस्त 2024 तक जारी करना था लेकिन सीसी ने इसे अगस्त के आखिरी तक जारी किया। यह देरी इसलिए हुई क्योंकि इस पर ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ब्रोकर्स आईएसएफ) से व्यापक चर्चा हुई। मार्केट इंफ्रा इंस्टीट्यूशन (MIIs) के साथ रिव्यू मीटिंग और ब्रोकर्स आईएसएफ से मिले इनपुट के आधार पर सेबी ने यह फैसला किया कि शेयरों को क्लाइंट के डीमैट खाते में सीधे ट्रांसफर से जुड़े नियम को लागू करने की डेट आगे खिसका दिया जाए ताकि मार्केट आसानी से बदले नियम के हिसाब से ढल सके।
क्या होगा Direct-Payout System?
डायरेक्ट-पेआउट सिस्टम के तहत क्लियरिंग कॉरपोरेशंस निवेशकों के खाते में सीधे शेयर ट्रांसफर कर देगा। मौजूदा सिस्टम के तहत अभी शेयर ब्रोकर्स के पास रहते हैं और फिर क्लाइंट के डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर किया जाता है। सेबी ने इस सिस्टम का ऐलान 5 जून 2024 को किया था। इस नियम को इसलिए लाया गया था ताकि क्लाइंट्स के शेयरों को ब्रोकर्स से अलग रखा जा सके और शेयरों के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके। इससे ब्रोकर्स के पास शेयरों की पूलिंग बंद हो जाएगी।