NeoPolitan IPO Listing: ‘खुशियां अब इतनी महंगी कहां’ टैगलाइन के साथ पिज्जा, सैंडविच के साथ-साथ गेहूं-चावल बेचने वाली नियोपॉलिटन पिज्जा एंड फूड्स (NeoPolitan Pizza and Foods) के शेयरों की आज BSE के SME प्लेटफॉर्म पर फीकी एंट्री हुई। खुदरा निवेशकों के दम पर इसके आईपीओ को ओवरऑल 32 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 20 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी 19.25 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि उनकी 3.75 पूंजी घट गई। हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर ऊपर चढ़े। उछलकर यह 20.21 रुपये (NeoPolitan Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 1.05 फीसदी के मुनाफे में हैं।
NeoPolitan IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
नियोपॉलिटन का ₹12.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक खुला था। खुदरा निवेशकों के दम पर इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 32.72 गुना सब्सक्राइब हुआ था। खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित आधा हिस्सा 42.62 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 60 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी 16 नए क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स खोलने, सिक्योरिटी डिपॉजिट और एडवांस किराए, ब्रोकरेज चार्जेज, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
NeoPolitan Pizza and Foods के बारे में
फरवरी 2011 में बनी नियोपॉलिटन पिज्जा एंड फूड्स दो सेगमेंट-रेस्टोरेंट्स और एग्रीकल्चर कमोडिटी में काम करती है। इसके अपने खुद के रेस्टोरेंट्स हैं और यह फ्रेंचाइजी मॉडल भी चलाती है। यह सूप, सलाह, ब्रेड, पास्ता, पिज्जा और डेजर्ट बेचती है। इसके अलावा यह गेहूं, चावल, टमाटर और प्याज भी बेचती है। इसकी एक ब्रांच अमेरिका में भी है और इसने 87500 डॉलर के निवेश से अमेरिका में नियोइंडियन पिज्जा की शुरुआत की है। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश के 2 राज्यों और यूनियन टेरिटरीज के 16 शहरों में 21 रेस्टोरेंट्स हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 18.44 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में उछलकर 1.17 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 2.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 64 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 44.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।