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होम, कार या एजुकेशन लोन लेना जा रहे हैं? भूलकर भी नहीं करें ये 5 गलतियां

लोन की आसान उपलब्धता से लोगों के लिए अपने घर और कार के सपने पूरा करना आसान हो गया है। लेकिन, लोन के पैसे को चुकाने में लापरवाही होने पर व्यक्ति के कर्ज के जाल में फंसने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। इससे आपको बाद में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

फिक्स्ड, फ्लोटिंग और एपीआर को समझ लें

लोन लेने में सबसे पहले इंटरेस्ट रेट के बारे में समझना जरूरी है। जिस बैंक या एनबीएफसी से आप लोन ले रहे हैं, वह फिक्स्ड रेट पर लोन दे रहा है या फ्लोटिंग रेट पर। यह भी कि इससे लोन पर आप बतौर इंटरेस्ट कितने पैसे चुकाने जा रहे हैं। फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट वाले लोन में पूरी अवधि के दौरान इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं होता है। फ्लोटिंग रेट का मतलब है कि लोन की अवधि के दौरान इंटरेस्ट रेट में बदलाव हो सकता है। एनुअल पर्सेंटेज रेट (APR) का भी ध्यान रखना जरूरी है। कई बार प्रोसेसिंग फीस और एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज की वजह से लोन एपीआर बढ़ जाता है।

लोन की कॉस्ट का गलत अंदाजा न लगाएं

लोन लेने वाले कई लोग उसकी कॉस्ट का सही अंदाजा नहीं लगाते। घर, कार खरीदने या एजुकेशन या बिजनेस शुरू करने के लिए अगर लोन ले रहे हैं तो उसकी कॉस्ट का सही अंदाजा जरूर लगाए। इससे लोन के रीपेमेंट में आपको दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। कई लोग कॉस्ट का गलत अंदाजा लगाते हैं जिसका सीधा उसर उनके फाइनेंशियल प्लान पर पड़ता है।

रीपेमेंट शिड्यूल का चुनाव सोचसमझ कर करें

कई लोग लोन के रीपेमेंट के लिए एग्रेसिव शिड्यूल का चुनाव करते हैं। इसका असर उनके जरूरी खर्चों पर पड़ता है। इसलिए अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रख लोन के रीपेमेंट शिड्यूल का चुनाव करना जरूरी है। आप भविष्य में अपनी इनकम में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रख रीपेमेंट शिड्यूल का चुनाव कर सकते हैं। आपको बैंक के फोरक्लोज से जुड़े नियमों को भी समझ लेना चाहिए। कई बार 5 फीसदी का फोरक्लोजर चार्ज लगाते हैं। इससे समय से पहले लोन चुकाने का अट्रैक्शन कम हो जाता है।

जल्द लोन की प्लानिंग करें

कई लोग लोन की प्लानिंग में देर करते हैं। लोन जितना जल्द आप लेंगे, उतना जल्द उसके पैसे लौटाकर लोन अकाउंट को बंद कर देंगे। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ज्यादा उम्र में होन लोन लेने की सलाह नहीं देते हैं। इससे लोन एक लायबिलिटी बन जाती है। अगर व्यक्ति की उम्र 30 साल या उससे थोड़ी ज्यादा है तो वह लोन लेने के बारे में आसानी से सोच सकता है।

सेविंग्स और निवेश नहीं बंद करें

कई लोग होम लोन लेने के बाद सेविंग्स और इनवेस्ट करना बंद कर देते हैं। इससे लंबी अवधि में आप निवेश पर अच्छा रिटर्न कमाने के मौके गंवा देते हैं। सिर्फ होम लोन चुकाने से रिटायरमेंट बाद के आपके खर्च का इंतजाम होने वाला नहीं है। इसके लिए आपको नियमित रूप से सेविंग्स और निवेश करना होगा। इसलिए लोन की किस्त चुकाने के साथ-साथ कुछ पैसा निवेश और सिवेंग्स के लिए इस्तेमाल करें।

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