गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के लिए बोली लगाने का आज दूसरा दिन है। पहले दिन यह IPO टोटल 1.96 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 3.52 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 0.02 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 1.11 गुना सब्सक्राइब हुआ।
कल यानी 10 अक्टूबर इसके लिए बोली लगाने का आखिरी दिन है। इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹264.10 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹173.85 करोड़ के 18,300,000 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹90.25 करोड़ के 9,500,000 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹92-₹95 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 157 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹95 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,915 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 2041 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹193,895 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
ग्रे मार्केट में गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग का प्रीमियम 5.26%
लिस्टिंग से पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 5.26% यानी ₹5 प्रति शेयर के प्रीमियम पर पहुंच गया है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹95 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹100 पर हो सकती है। हालांकि, इससे केवल अनुमान लगाया जा सकता है, शेयर की लिस्टिंग की प्राइस ग्रे मार्केट की प्राइस से अलग होती है।
2010 में स्थापित हुई थी गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग
गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड की स्थापना 2010 में हुई थी और यह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी है। यह रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट के लिए कंस्ट्रक्शन सर्विस प्रोवाइड करती है। इसके साथ ही कंपनी ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग सहित कई सर्विस भी प्रोवाइड करती है।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।