भारतीय धातु शेयरों के लिए अच्छा समय है। कुछ शेयर पिछले महज एक महीने में 12 प्रतिशत तक चढ़े हैं। इसकी तुलना में निफ्टी मेटल सूचकांक 10 प्रतिशत चढ़ा है जबकि निफ्टी-50 में पिछले एक महीने के दौरान 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।
धातु शेयरों में यह तेजी चीन में मांग सुधरने की उम्मीद से आई क्योंकि चीन सबसे बड़े उत्पादकों के साथ साथ इस्पात के उपभोक्ताओं में से एक है। चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था की मदद के लिए कई उपायों की घोषणा की है। विश्लेषकों का कहना है कि धारणा लौह धातु कंपनियों के पक्ष में हैं। लेकिन बुनियादी आधार अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हैं और दूसरी तिमाही से वास्तविकता की परख होगी।
विश्लेषकों के अनुसार इस्पात शेयरों में तेजी मुख्य तौर पर धारणा आधारित है और काफी हद तक यह चीन में बड़े प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से आई है। आनंद राठी में धातु एवं खनन क्षेत्र के मुख्य विश्लेषक पार्थिव झोंसा ने कहा, ‘यदि चीन के अधिकारियों की घोषणाओं पर अमल हुआ तो धातु कीमतों में और तेजी आ सकती है। इन घटनाक्रम से धारणा बदल सकती है।’
पिछले महीने चीन के केंद्रीय बैंक ने कहा था कि वह आरक्षित आवश्यकता अनुपात (आरआरआर) में 50 आधार अंकों की कटौती करेगा, जिससे नए ऋण के लिए लगभग 1 लाख करोड़ युआन (142.21 अरब डॉलर) उपलब्ध हो जाएंगे।
इसके अलावा सात दिवसीय रिवर्स रीपो दर 0.2 प्रतिशत अंक तक घटाकर 1.5 प्रतिशत की जाएगी। इससे वाणिज्यिक बैंकों को मॉर्गेज ब्याज दरें औसत तौर पर 0.5 प्रतिशत अंक तक घटाने में मदद मिलेगी, जिससे चीन के रियल्टी क्षेत्र को मदद मिलेगी।
विश्लेषकों ने कहा कि ये सहायक उपाय भारतीय धातु निर्यात के लिए राहत लेकर आए हैं। इससे चीन के केंद्रीय बैंक के आर्थिक प्रोत्साहनों से उसे अपने धातु उत्पादन को कम कीमतों पर वैश्विक बाजार में डम्प करने के बजाय इसका उपयोग घरेलू स्तर पर करने में मदद मिलेगी।
झोंसा ने कहा, ‘अन्य सकारात्मक खबर यह है कि मुंबई क्षेत्र में हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) कीमतें करीब 2,000 से 2,500 रुपये तक बढ़ी हैं, जो बाजार धारणा में सकारात्मक बदलाव का संकेत है।’ भारत की बात करें तो एनएमडीसी का शेयर पिछले चार सप्ताह में 12 प्रतिशत तक चढ़ा जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील, वेदांत, एपीएल अपोलो ट्यूब्स और टाटा स्टील में 10-11 प्रतिशत तक की तेजी आई। जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल), जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और वेलस्पन कॉर्प में 3 से 7 प्रतिशत के दायरे में तेजी आई।
कमजोर संभावना
ब्रोकरेज फर्म नुवामा की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्साह के बावजूद सितंबर तिमाही थोड़ी नरम रह सकती है, क्योंकि लौह धातुओं का एबिटा तिमाही आधार पर 16-28 प्रतिशत (जिंदल स्टेनलेस को छोड़कर) तक घट सकता है और अपने ब्रिटिश परिचालन में बढ़ते नुकसान की वजह से टाटा स्टील को ज्यादा दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
निवेश रणनीति
अच्छी तेजी के बाद भी विश्लेषकों का मानना है कि धातु शेयर निवेशकों के लिए फायदे का सौदा हैं, क्योंकि गैर-एकीकृत कंपनियों को लौह अयस्क और कोयले की कम कीमतों का लाभ मिलने की उम्मीद है। उनका मानना है कि निवेशकों को धातु शेयरों में पैसा लगाते समय निवेश अवधि 12-18 महीने की रखनी चाहिए क्योंकि हालात काफी हद तक चीन के आर्थिक सहायता उपायों की वास्तविक घोषणा पर निर्भर करेंगे।