Stock market : भारतीय बेंचमार्क इंडेक्सों ने आज छह दिन की गिरावट का सिलसिला तोड़ दिया। 8 अक्टूबर को निफ्टी 25,000 से ऊपर बंद होने में कामयाब रहा। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 584.81 अंक या 0.72 फीसदी बढ़कर 81,634.81 पर और निफ्टी 217.40 अंक या 0.88 फीसदी बढ़कर 25,013.20 पर बंद हुआ। आज लगभग 2884 शेयरों में तेजी आई, 895 शेयरों में गिरावट आई और 94 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में लगभग 2 फीसदी तथा स्मॉलकैप इंडेक्स में 2.5 फीसदी की बढ़त हुई।
निफ्टी पर ट्रेंट, अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एमएंडएम सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली। जबकि टाटा स्टील, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, टाइटन कंपनी, जेएसडब्ल्यू स्टील और बजाज फिनसर्व निफ्टी के टॉप लूजर रहे। आज मेटल को छोड़कर, दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। ऑटो, बैंक, हेल्थकेयर, रियल्टी, कैपिटल गुड्स, पावर, टेलीकॉम, मीडिया में 1-2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
9 अक्टूबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि ओवरसोल्ड कंडीशन ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई और शुरुआती कारोबार में अचानक आई तेजी के बाद पूरे दिन एकतरफा तेजी देखने को मिली। कारोबार के अंत में निफ्टी 217.40 अंकों की बढ़त के साथ 25,013.15 पर बंद हुआ। आज मेटल को छोड़कर, बाकी सभी सेक्टरों ने हरे निशान में कारोबार का समापन किया। मीडिया और ऑटो सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्टर रहे।
एक पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ, मिड और स्मॉलकैप में 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई और इन्होंने फ्रंटलाइन इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी 50 ने बियरिश कैंडलस्टिक लकीर को समाप्त कर दिया और डेली चार्ट पर एक मजबूत बुलिश कैंडलस्टिक बनाई। इसे बुलिश हरामी के रूप में जाना जाता है। इसमें आरएसआई में एक हिडेन बुलिश डायवर्जेंस है जो बियरिश ट्रेंड में बदलाव का संकेत है। अगर निफ्टी 25,140 के ऊपर जाकर मजबूती दिखता है तो तेजी बढ़ सकती है। जबकि नीचे की ओर 24,950 के स्तर पर तत्काल सपोर्ट दिख रहा है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि बैंकिंग, टेलीकॉम, ऑटो और रियल्टी शेयरों में निवेशकों द्वारा शॉर्ट कवरिंग के कारण बाजार ने 6 सत्रों से चली आ रही गिरावट के क्रम को तोड़ दिया। एशियाई और यूरोपीय बाजारों से कमजोर संकेतों के बावजूद रिकवरी देखने को मिली। हालांकि एफपीआई की बिकवाली और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष के कारण शॉर्ट से मिड टर्म के लिए घरेलू बाजार की संभावनाएं धुंधली बनी हुई हैं। अब सभी की निगाहें बुधवार को आरबीआई पॉलिसी मीट के नतीजों पर टिकी रहेंगी। हालांकि ऐसी उम्मीदें हैं कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रख सकता है।
फंडामेंटल रिसर्च-इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के हेड नरेंद्र सोलंकी ने मनीकंट्रोल से कहा कि पिछले छह कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली देखने को मिली। लेकिन अंततः इसमें कमी आनी ही थी और आज वह महत्वपूर्ण पड़ाव आ ही गया। घरेलू बाजार का सेंटीमेंट सितंबर तिमाही के अच्छे नतीजों की उम्मीद और 9 अक्टूबर की आरबीआई की पॉलिसी के चलते भी सुधारा है। सोलंकी ने आगे कहा कि आरबीआई पॉलिसी से पहले बाजार में शॉर्ट-कवरिंग देखने को मिल सकती है। यह भी लगता है कि एफआईआई ने अपनी बिक्री खत्म कर ली है। ये कारक बाजार को वापस उछालने में मदद कर रहे हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि हैवीवेट शेयरे में रिकवरी से निफ्टी में और तेजी आ सकती है। लेकिन इस गति को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मिश्रा ने आगे कहा कि निफ्टी को 25,150-25,300 के आसपास तत्काल रजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है, जबकि 25,500 पर अभी भी एक बड़ा रजिस्टेंस है।
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