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Market outlook : 24800 से नीचे बंद हुआ निफ्टी, जानिए 8 अक्टूबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Stock markets : 7 अक्टूबर को भारी उठापटक वाले कारोबारी सत्र में भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स कमजोर रुख के साथ बंद हुए। निफ्टी आज 24,800 से नीचे चला गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 638.45 अंक या 0.78 फीसदी की गिरावट के साथ 81,050.00 पर और निफ्टी 218.80 अंक या 0.87 फीसदी की गिरावट के साथ 24,795.80 पर बंद हुआ। लगभग 597 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, 3289 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, और 117 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट एनटीपीसी, अडानी पोर्ट्स, अडानी एंटरप्राइजेज, एसबीआई, कोल इंडिया में देखने को मिली। जबकि आईटीसी, भारती एयरटेल, ट्रेंट, एमएंडएम और इंफोसिस में सबसे ज्यादा तेजी रही। आज आईटी (0.6 फीसदी ऊपर) को छोड़कर, अन्य सभी क्षेत्रीय इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, जिनमें पीएसयू बैंक, हेल्थ सर्विस, कैपिटल गुड्स, रियल्टी, मेटल, पावर, तेल एवं गैस, मीडिया और टेलीकॉम 1-3 फीसदी टूटे। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 2 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।

प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि आज बाजार में एक रोलर कोस्टर की सवारी देखने को मिली। मजबूत शुरुआत के बाद, इंडेक्स ऊपर की ओर बढ़ा लेकिन मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में लगातार बिकवाली जारी रही और अंततः, निफ्टी ने 25,000 का मनोवैज्ञानिक सपोर्ट भी खो दिया। पिछले कारोबारी सत्र में, बैंकिंग काउंटरों में तेज रिकवरी देखने को मिली थी। लेकिन आज यह रिकवकी तेजी से खत्म हो गई और निफ्टी 218.85 अंकों के नुकसान के साथ 24,795.75 के स्तर पर बंद हुआ।

आईटी को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्सों की क्लोजिंग लाल निशान में हुई। मीडिया और पीएसयू बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट रही। मिड और स्मॉलकैप में 2.01 फीसदी और 2.75 फीसदी की गिरावट के साथ ब्रॉडर मार्केट्स में भी खराब प्रदर्शन देखने को मिला। बियरिश कैंडल्स की सीरीज में निफ्टी ने डेली चार्ट में एक और रेड कैंडल और जोड़ी और थ्री ब्लैक क्रो पैटर्न बनाया। अब अगर निफ्टी 25,000 से ऊपर एक मजबूत टिकाऊ चाल दिखाता है तभी फिर से तेजी के संकेत मिलेंगे। जब तक ऐसा नहीं होता तब तक बाजार के मंदी की चपेट में रहने की संभावना है। निफ्टी के लिए अगला सपोर्ट 24,400 पर दिख रहा है

मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि महंगे वैल्यूएशन और विदेशी फंडों की निकासी के कारण निवेशक भारतीय शेयरों में अपना निवेश कम कर रहे हैं, बैंकिंग, मेटल, टेलीकॉम, तेल और गैस जैसे शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। हालांकि दूसरे एशियाई इंडेक्सों में तेजी बनी हुई है। यहां तक ​​कि दो राज्यों के एग्जिट पोल के नतीजे भी केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार के पक्ष में नहीं हैं। इससे निवेशकों का उत्साह और कम हुआ है।

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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