चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय कंपनियों ने 19 अरब डॉलर मूल्य के 551 सौदे किए, जो संख्या के आधार पर दो साल में सबसे अधिक है. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. ‘ग्रांट थॉर्नटन भारत डीलट्रैकर’ के अनुसार, मौजूदा कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.1 अरब डॉलर मूल्य के 25 आईपीओ भी आए.
इस अवधि में 214 विलय एवं अधिग्रहण सौदे हुए, जिनका मूल्य 11.4 अरब डॉलर था. यह इस साल अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में संख्या के हिसाब से 57 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 65 प्रतिशत की वृद्धि है, जो देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती और बढ़ते आत्मविश्वास का प्रमाण है.
ग्रांट थॉर्नटन भारत की पार्टनर शांति विजेता ने कहा, “साल 2023 की पहली तिमाही से ही देश में संख्या के हिसाब से सौदों का ग्राफ ऊपर की ओर बढ़ रहा है. “साल 2024 की तीसरी तिमाही में यह अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो घरेलू बाजार की मजबूती को दर्शाता है. यह घरेलू और सीमा-पार लेनदेन से प्रेरित है और निवेशकों के बीच विश्वास पैदा कर रहा है.”
इसके अतिरिक्त, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) गतिविधियों का रिकॉर्ड स्तर और आईपीओ की बढ़ती संख्या दिखाती है कि भारतीय पूंजी बाजार में उत्साह है. विजेता ने कहा, “हमें उम्मीद है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, सस्टेनेबिलिटी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश के कारण यह गति जारी रहेगी.”
रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पार गतिविधि 10 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. इस श्रेणी में 5.3 अरब डॉलर मूल्य के 35 सौदे हुए. इनमें भारती एंटरप्राइजेज द्वारा एक ब्रिटिश दूरसंचार समूह में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का चार अरब डॉलर में अधिग्रहण सबसे प्रमुख रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू गतिविधियों में भी संख्या के हिसाब से 54 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 24 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. संख्या के मामले में तीसरी तिमाही में सर्वकालिक उच्चतम स्तर देखा गया. निजी इक्विटी के 7.6 अरब डॉलर मूल्य के 337 सौदे हुए जो 2022 की तीसरी तिमाही के बाद से सबसे अधिक संख्या है.
इस तिमाही में उच्च मूल्य वाले सौदों में 23 सौदे 100 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के थे, जिनकी कुल कीमत 4.9 अरब डॉलर थी. सभी सौदों के कुल मूल्य में इनका योगदान 65 प्रतिशत रहा. प्रारंभिक चरण के वित्तपोषण में प्री-सीड और एंजल चरणों में 80 सौदों के माध्यम से 27.3 करोड़ डॉलर की धनराशि प्राप्त हुई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के लिहाज से सबसे अधिक सौदे टेलीकॉम सेक्टर ने किए. केवल दो सौदों का मूल्य ही चार अरब डॉलर के अधिक था. रिटेल सेक्टर 1.8 अरब डॉलर के 112 सौदों के साथ संख्या के मामले में सबसे आगे रहा.