How to calculate surrender value of insurance policy: बीमा नियामक इरडा ने पॉलिसीधारकों को बड़ी राहत देते हुए जीवन बीमा के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब पॉलिसी को मेच्योरिटी से पहले बंद करने पर ग्राहक को ज्यादा रिफंड मिलेगा। इसके लिए विशेष सरेंडर वैल्यू के नियम एक अक्तूबर से लागू हो गए हैं। इसका सबसे अधिक फायदा उन लोगों को होगा, जो एक साल में ही पॉलिसी लौटा देते हैं। अब उनका पूरा पैसा डूबेगा नहीं। वहीं, गलत तरीके से बेची गई पॉलिसी को भी आसानी से लौटाया जा सकेगा। मेच्याेरिटी से पहले बीमा बंद कराने पर कंपनी जो रकम वापस देती है, उसे ही सरेंडर वैल्यू कहते हैं। यह चुकाए गए कुल प्रीमियम के आधार पर तय होती है।
इन पॉलिसी के लिए नियम
नया नियम सिर्फ जीवन बीमा की एन्डॉमेंट पॉलिसी पर लागू होगा। एन्डॉमेंट पॉलिसी का मतलब ऐसी पॉलिसी से है, जिसमें बीमा के साथ-साथ बचत का भी अंश होता है। नए नियम के लागू होने से एन्डॉमेंट पॉलिसी में बीमा कंपनियों का मार्जिन घट जाएगा। नया नियम यूलिप और टर्म बीमा पॉलिसी पर लागू नहीं होगा।
एक साल तक प्रीमियम जरूरी
पहले अगर कोई पॉलिसीधारक एक साल बाद जीवन बीमा पॉलिसी बंद कराता था तो बतौर प्रीमियम चुकाया गया उसका पूरा पैसा डूब जाता था। नए स्पेशल सरेंडर वैल्यू नियमों के साथ पॉलिसीधारक पहले साल के बाद भी पॉलिसी लौटाने पर रिफंड पाने का हकदार होगा। हालांकि, इसके लिए पॉलिसीधारक को कम से कम एक साल तक प्रीमियम भरना होगा, तभी वो इस नियम का फायदा उठा सकेगा।
सरेंडर अवधि बीमित राशि+बोनस सरेंडर वैल्यू प्रीमियम का प्रतिशत
1 साल 60,000 31,295 62.59%
2 साल 1,20,000 67,284 67.28%
3 साल 1,80,000 1,08,495 72.33%
4 साल 2,40,000 1,55,510 77.76%
5 साल 3,00,000 2,08,967 83.59%
7 साल 4,20,000 3,38,083 96.60%
9 साल 5,40,000 5,02,235 111.7%
(नोट: यह गणना पांच लाख की बीमित राशि पर सालाना 50 हजार प्रीमियम और 10 हजार रुपये के बोनस के आधार पर 10 साल की पॉलिसी के लिए की गई है। इनमें बदलाव संभव है।)
पहले इतनी रकम वापस मिलती थी
पुराने नियमों के मुताबिक, एक साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर चुकाई गई प्रीमियम की रकम को रिफंड का कोई प्रावधान नहीं था। दो साल बाद पॉलिसी लौटाने पर कुल चुकाए गए प्रीमियम की 30 रकम वापस मिलती थी। तीन साल बाद पॉलिसी लौटाने पर 35, चार से सात साल के बीच लौटाने पर 50 और पॉलिसी की परिपक्वता से दो साल पहले लौटाने पर 90 रकम वापस मिलती थी।