Stock market : भारतीय इक्विटी इंडेक्स 4 अक्टूबर को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी 25,050 के आसपास रहा। वहीं, सेंसेक्स 809 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 808.65 अंक या 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 81,688.45 पर और निफ्टी 200.30 अंक या 0.79 फीसदी की गिरावट के साथ 25,049.80 पर बंद हुआ। आज लगभग 1522 शेयरों में तेजी आई, 2266 शेयरों में गिरावट आई और 101 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
एनएसई पर एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया, बीपीसीएल और एशियन पेंट्स आज के टॉप लूजर रहे। जबकि, इंफोसिस, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, विप्रो और एचडीएफसी लाइफ आज के टॉप गेनर रहे। पीएसयू बैंक और आईटी को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। ऑटो, एफएमसीजी, रियल्टी, बिजली, मीडिया, टेलीकॉम, ऑयल और गैस इंडेक्स 1-2 फीसदी की गिरावट लेकर बंद हुए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में लगभग एक फीसदी की गिरावट आई।
7 अक्टूबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार आज भी दबाव में रहा। एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ बाजार ने करेक्शन के दौर को आगे बढ़ाया। मौजूदा जियो-पोलिटिकल तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ गया है। इससे आगामी नीति बैठक में आरबीआई द्वारा दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की तरफ से होने वाली भारी बिकवाली से बाजार में दबाव बढ़ रहा है। हालांकि हालिया गिरावट के बाद कुछ ठहराव या मामूली उछाल आ सकता है, लेकिन जब तक निफ्टी निर्णायक रूप से 25,600 के स्तर को फिर हासिल नहीं कर लेता, तब तक बाजार का ओवरऑल ट्रेंड निगेटिव ही बना रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि आईटी, मेटल और फार्मा जैसे अहम सेक्टरों में मजबूती देखने को मिल रही है, जबकि दूसरे सेक्टरों में उछाल में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। ट्रेडर्स को अपनी पोजीशन को उसी हिसाब से एडजस्ट करना चाहिए और किसी संभावित जोखिम से बचने के लिए हेजिंग की रणनीति के साथ ट्रेड करना चाहिए।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार का कहना है कि पिछले तीन दिनों में कैश मार्केट में एफआईआई ने 30,614 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की है। एफआईआई महंगे भारतीय बजार से पैसे निकाल कर सस्ते हांगकांग के बाजार में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि चीनी सरकार द्वारा लागू किए जा रहे मॉनीटरी और फिस्कल प्रोत्साहन उपायों से चीनी की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और चाइनीज कंपनियों की अर्निंग्स में सुधार होगा।
विजयकुमार ने आगे कहा कहा कि निकट भविष्य में बाजार की दिशा एफआईआई और डीआईआई के बीच चल रही रस्साकशी से प्रभावित होगी। उन्हें उम्मीद है कि आगे चलकर बाजार दूसरी तिमाही के नतीजों पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर देगा, जो अगले सप्ताह से आने शुरू हो जाएंगे।
चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव विश्लेषक हार्दिक मटालिया का कहना है कि अब निफ्टी के लिए 25,550 और 25,650 पर रजिस्टेंस दिख रहा है। वहीं, नीचे की ओर इसके लिए 25,150 पर तत्काल सपोर्ट है। उसके बाद 25,000 पर अगला बड़ा सपोर्ट है। इन स्तरों से नीचे जाने पर निफ्टी 24,750 तक गिर सकता है।
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