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China Markets rally: इंडियन इनवेस्टर्स भी चीन के मार्केट में तेजी से कर सकते हैं मोटी कमाई, इन म्यूचुअल फंडों में करना होगा निवेश

हाल में चीन के स्टॉक्स मार्केट में आई तेजी की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। इंडिया में तो इसकी ज्यादा चर्चा हो रही है। एनालिस्ट्स का कहना है कि चीन के स्टॉक्स मार्केट्स में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशक इंडियन मार्केट्स से पैसे निकाल रहे हैं। दरअसल, चीन में सरकार और पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए कई ऐलान किए हैं। इससे चीन के स्टॉक मार्केट्स में तेजी आई है। इससे चीन के स्टॉक मार्केट्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन फिर से 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है। अगस्त 2023 के बाद पहली बार यह इस लेवल पर पहुंचा है।

एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि चाइनीज मार्केट में वैल्यूएशन अभी सही लग रही है। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए वैल्यूएशन अट्रैक्टिव है। हालांकि, उन्होंने उतारचढ़ाव की संभावना को देखते हुए शॉर्ट टर्म में निवेश को लेकर सावधान किया। आनंदराठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज का भी मानना है कि चीन के स्टॉक्स मार्केट्स में इंडियन इनवेस्टर्स के लिए निवेश के मौके दिख रहे हैं। लेकिन,इसके लिए स्ट्रकचर्ड एप्रोच जरूरी होगा।

उन्होंने कहा कि जो इंडियन इनवेस्टर्स चीन के मार्केट में निवेश करना चाहते हैं वे उन म्यूचुअल फंडों के जरिए निवेश कर सकते हैं, जिनका प्रबंधन अनुभवी प्रोफशनल्स के हाथ में है। अभी इंडियन मार्केट्स में कई फंड हैं, जो चीन के स्टॉक्स में निवेश का मौका ऑफर करते हैं। इनमें Axis Greater China Equity Fund of Funds, Edelweiss Greater China Equity Offshore Fund, Nippon India ETF Hang Seng BeES और Mirae Asset Hang Seng TECH ETF शामिल हैं। पहले दो फंडों का फोकस चीन की छोटी-बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स पर है। निप्पॉन इंडिया ईटीएफ का फोकस हैंगसेंग इंडेक्स में शामिल शेयरों पर है। मिराए एसेट हैंगसेग का फोकस हैंगसेंग की टेक्नोलॉजी कंपनियों पर है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन के स्टॉक्स मार्केट्स का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। लेकिन, निवेशकों को सिर्फ लंबी अवधि के लिए इस मार्केट में निवेश करना होगा। गुप्ता ने कहा कि लॉन्ग टर्म में चीन की स्टोरी अच्छी दिख रही है। लेकिन, शॉर्ट टर्म में निवेश की सलाह नहीं दी जा सकती। इसकी बड़ी वजह चीन के मार्केट में उतारचढ़ाव की संभावना है। उन्होंने कहा कि चीन में फाइनेंशियल्स और बैंकिंग सेक्टर के प्रदर्शन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

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